
मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची : बहुचर्चित रूपेश हत्याकांड की जांच अब सीबीआई करेगी। इसका आदेष आज झारखंड हाईकोर्ट ने दिया है। हजारीबाग के बरही के रुपेश पांडे हत्याकांड की जांच झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी है। रूपेष हत्याकांड मामले की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने को लेकर 18 वर्षीय रुपेश की मां ने झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दाखिल की थी जिस पर झारखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट में आज सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस की जांच पर असंतुष्टि जताते हुए मामले को सीबीआई को सौंप दिया है. कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले को अपने हाथों में ले ले। इसके साथ ही झारखंड हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को भी इस मामले से संबंधित दस्तावेज तुरंत सीबीआई को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है।
6 फरवरी 2022 को शाम 5ः00 बजे रूपेश पांडे अपने चाचा के साथ बरही में सरस्वती पूजा देखने गया था । उस दौरान असलम अंसारी उर्फ पप्पू मियां के नेतृत्व में 25 लोगों की भीड़ ने रुपेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले को लेकर बरही थाना में 27 आरोपियों के खिलाफ कांड संख्या 59 /2022 दर्ज कराया गया था. 7 फरवरी को पुलिस ने मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। पीड़ित समाज के ऊपर भी एक एफआईआर कांड संख्या 63 / 2022 दर्ज किया गया था. अब तक की हुई पुलिस जांच पर असंतोष जताते हुए हाईकोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया.सीबीआई की ओर से इस मामले में प्रशांत पल्लव ने पैरवी की। वही बरही के पूर्व विधायक मनोज कुमार यादव की ओर से कहा गया है कि झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकेगा। सीबीआई की जांच के बाद अब रूपेष के हत्यारों को सजा मिल पायेगी। राज्य की हेमंत सरकार इस हत्याकांड की जांच ठीक तरीके से नहीं कर रही थी।
