

मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ,बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी , सांसद निशिकांत दूबे सहित 28 भाजपा नेताओं को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सचिवालय मार्च के दौरान 2023 में भाजपा नेताओं पर पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। इससे पहले हाईकोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने प्राथमिकी निरस्त करने का फैसला दिया था। 14 अगस्त को इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था, जिसमें निशिकांत दुबे, बाबूलाल मरांडी सहित 28 भाजपा नेताओं को राहत देते हुए पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर एसएलपी दाखिल की गई थी। अब राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में वही फैसला सुनाया है।
इस मामले में बीजेपी के सभी नेताओं को बड़ी राहत मिली है।साल 2023 में भाजपा की ओर से बिगड़ती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के विरोध में मार्च का आयोजन किया गया था। इसमें पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। वॉटर कैनन का इस्तेमाल भी किया गया और लाठीचार्ज भी किया था।सचिवालय तक मार्च पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, अन्नपूर्णा देवी निशिकांत दुबे और राज्य के पार्टी सांसदों के नेतृत्व में शुरू हुआ था। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर बलपूर्वक आगे बढ़ने की कोशिश की थी, जिसपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की थी।
