
मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची: स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को बर्खास्त करने का मामला तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एसआईआर पर दिए स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बयान को आपत्तिजनक बताते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस बयान पर संज्ञान लेते हुए बाबूलाल मरांडी ने कार्रवाई की मांग की है। मरांडी ने सोमवार को एक बयान देकर कहा है कि कांग्रेस पार्टी से मंत्री बने इरफान अंसारी सार्वजनिक मंच से बीएलओ को घर में बंद करने और बंधक बनाने की बात कह रहे हैं। जबकि, देश का संविधान चुनाव आयोग को मतदाता सूचियों की शुद्धता और सटीकता बनाए रखने का पूर्ण अधिकार देता है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया का मूल उद्देश्य वोटर सूची को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना है। इसके तहत मृत मतदाताओं के नाम हटाना, फर्जी नामों और घुसपैठियों को हटाने जैसे कार्य किए जाते हैं।लेकिन ऐसे गैर-जिम्मेदार और उकसाने वाले बयान न केवल पूरी प्रक्रिया को बाधित करते हैं, बल्कि पूरी चुनावी प्रणाली और लोकतांत्रिक मर्यादाओं पर सीधा प्रहार है। जब किसी मंत्री के शब्द ही कानून-व्यवस्था और चुनावी कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दें, तो उसके पास पद पर बने रहने का न नैतिक और न ही संवैधानिक अधिकार रह जाता है। उन्होंने चुनाव आयोग से भी आग्रह किया है कि मामले में सख्त कार्रवाई करें।
