बाबूलाल मरांडी प्रदीप यादव और बंधू तिर्की को दिखा सकते हैं पार्टी से बाहर का रास्ता

Jharkhand

रांची से अशोक कुमार की रिपोर्ट:-

रांची: झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी अपने दोनेां विधायकों प्रदीप यादव और बंधू तिर्की को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं। प्रदीप यादव और बंधू तिर्की से पिंड छुड़ाकर अपनी पपार्टी झारखंड विकास मोर्चा का विलय भाजपा में कराने के लिये बाबूलाल मरांडी संभवतः यह कदम अंतिम समय में उठा सकते हैं। बाबूलाल मरांडभ् के नजीदीकी सूत्रों के हवाले से यह बताया जा रहा है कि बाबूलाल मरांडी फिलहाल प्रदीप यादव को अपने साथ भाजपा में लेकर जाने के लिये मनाने का प्रयास कर रहे हैं और प्रदीप यादव की रजामंदी हुई तो प्रदीप यादव के साथ भाजपा में बाबूलाल मरांडी भाजपा की सदस्यता ले लेंगे। लेकिन इसके विपरीत प्रदीप यादव और बंधसु तिर्की ने बगावती तेवर दिखाए तो बाबूलाल मरांडी उन्हें दल से निष्कासित कर देंगे। ऐसी स्थिति में दोनों विधायक किसी अन्य दल में जाने की स्थिति में भी नहीं होंगे और बाबूलाल मरांडी को पार्टी के विलय में कोई अड़चन नहीं आएगी। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने और दल के विलय की बातें भले ही काफी आगे बढ़ गई है, लेकिन वे खुद इस मामले पर खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैैं। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बीजेपी चाहती है कि उनके दल झाविमो का विलय हो जाए। उन्होंने कहा कि अब वे झारखंड विकास मोर्चा की नई कार्यसमिति का गठन करेंगे। कई बातें मन में चल रही हैं। संभावनाओं पर भी विचार करेंगे। जब कोई बात होगी तो अवश्य ही लोगों को बताएंगे। एक सप्ताह के विदेश भ्रमण के बाद यहां पहुंचे बाबूलाल मरांडी ने आते ही गतिविधियां तेज कर दीं। बाबूलाल मरांडी सारी तैयारियां भीतर ही भीतर कर रहे हैैं और भाजपा में विलय को लेकर अस्पष्ट जवाब दे रहे हैैं।
वहीं पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव ने कहा है कि झाविमो का भाजपा में विलय भी नहीं हो सकता। लोक प्रतिनिधित्व कानून की दसवीं अनुसूची में इसका प्रावधान नहीं है। बाबूलाल मरांडी का कदम भाजपा की ओर हो सकता है। पोड़ैयाहाट के कार्यकर्ता इससे सहमत नहीं है। इसलिए वे जहां हैं, वही रहेंगे। प्रदीप यादव ने कहा, वे झारखंड के आदिवासी, दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यकों के हक के लिए संघर्ष करते रहे हैं। भाजपा ने इन लोगों की अनदेखी की है। शोषित एवं वंचित समाज को हाशिये पर धकेला है, इसलिए भी भाजपा में नहीं जाना है। झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा है कि वे हेमंत सोरेन के साथ हैं और रहेंगे। झाविमो ने हेमंत सरकार को बाहर से नहीं बल्कि भीतर से समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड के झाविमो के ज्यादातर नेता भाजपा में शामिल होने के पक्षधर हो सकते हैं। पोड़ैयाहाट के अधिकतर कार्यकर्ता भाजपा में जाने के खिलाफ है। इसलिए वे भाजपा में नहीं जाएंगे। जहां है वही रहेंगे। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नयी सरकार बनी है जो झारखंड केे जनता के हित में काम करेगी और उसे समर्थन देकर झारखंड विकास मोर्चा विकास में सहभागी बनेगा।
अब यह तय हो चुका है कि बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी झाविमो का विलय करेंगे और इसके लिए वे आवश्यक तकनीकी जटिलताओं को दूर करने में लगे हैैं। जल्द ही वे झाविमो की नई कार्यकारिणी का गठन करेंगे, जिसे वे भंग कर चुके हैैं। इसके अलावा वे राज्य में नवगठित हेमंत सोरेन की सरकार से समर्थन वापस लेंगे। झारखंड विकास मोर्चा के तीन विधायकों ने सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रखा है। भाजपा में वापसी के लिए बेकरार बाबूलाल मरांडी का अपने ही खेमे में विरोध हो रहा है। मरांडी झाविमो का विलय भाजपा में करना चाहते हैैं और इसके लिए उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार से समर्थन वापसी का मन बना लिया है। उनके इस कदम का झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कड़ा विरोध किया है। यादव का कहना है कि वे हेमंत सरकार को समर्थन जारी रखने के पक्ष में हैैं।

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