
जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर
पटना: बिहार के अंदर लगता है कि भाजपा का जदयू से रिश्ता टूट की कगार पर है और तभी जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर केन्द्र सरकार और भाजपा के विरोध में बयान देने लगे हैं। एनआरसी को लेकर असम में आयी संख्या को लेकर प्रशांत किशोर ने बीेपी और केन्द्र सरकार के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। असम में एनआरसी की अंतिम सूची से करीब 19 लाख लोगों के बाहर होने को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने केन्द्र सरकार के खिलाफ ट्वीट करते हुए भाजपा पर तंज कसा है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि एनआरसी ने लाखों लोगों को अपने ही देश में विदेशी बना दिया है।
प्रशांत किशोर ने आगे लिखा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जटिल मुद्दों के समाधान को लेकर रणनीति के अभाव और प्रणालीगत चुनौतियों पर ध्यान दिए बिना जब राजनीतिक बयानबाजी और ऐसे फैसले किए जाते हैं तो लोगों को ऐसी कीमत चुकानी पड़ती है। बता दें कि एनआरसी के मुद्दे पर भारत सरकार के फैसले का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी विरोध कर चुकी है। इस मुद्दे पर ममता बनर्जी ने कहा था कि एनआरसी की सूची से बाहर रखे जाने वालों में पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं।
ममता ने कहा कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि असली भारतीयों को इससे बाहर नहीं किया जाना चाहिए। हमारे सभी वास्तविक भारतीय भाइयों और बहनों के साथ न्याय होना चाहिए। इस पूरे प्रकरण से यही जाहिर हो रहा है कि बिहार के अंदर एनडीए टूट की कगार पर है और इसी कारण से प्रशांत किशोर पूरे तरह से हमलावर हो गये हैं।
