
पटना: बिहार में सरकार ने लगभग तीन साल पहले पूर्ण शराबबंदी की और अब पान मसालों पर प्रतिबंध लगाया है। यह निर्णय शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया. फिलहाल यह प्रतिबंध एक साल की अवधि के लिए लगाया गया है. इसके तहत अब राज्य में पान मसालों की बिक्री, उत्पादन, भंडारण, सेवन और परिवहन को अवैध माना जाएगा। बिहार की राजधानी पटना के बोरिंग रोड चैराहे पर रमेश गुप्ता की पान-सिगरेट की दुकान है. यही छोटी दुकान इनकी आजीविका का मुख्य साधन है। कैमरे को दुकान की ओर मोड़ते हुए सरकार के आज के निर्णय पर करीब 55 साल के सुरेश कहते हैं, कि जब सरकार ने फैसला ले लिया है तो उसे मानना ही पड़ेगा.पान मसालों के शौक़ीन लोगों की संख्या काफी बड़ी है. सरकार को इससे घाटा होगा. ऐसा पहले भी किया जा चुका है और उसके बावजूद जिन्हें तलब होती है वे गुटखा ढूंढ ही लेते हैं. बताया जा रहा है कि बिहार के शराब बंदी लागू करने के बाद प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर को ऊंचा करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पान मसाला के बिक्री पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाया है.पिछले कुछ वक्त से राज्य सरकार को इस बात की शिकायत मिल रही थी कि बिहार में जो पान मसाला बिक रहा है, उसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट की मात्रा पाई गई है. इसी साल जून और अगस्त के बीच में खाद्य संरक्षा विभाग ने 20 ब्रांड के पान मसाला के नमूनों की जांच करने के बाद इस बात को सही पाया कि पान मसाला में मैग्नीशियम कार्बोनेट होते हैं, जिसकी वजह से हृदय रोग और अन्य गंभीर किस्म की बीमारियां होती हैं। जिन ब्रांड के पान मसाला की जांच की गई उनमें रजनीगंधा पान मसाला, राज निवास पान मसाला, सुप्रीम पान पराग पान मसाला, पान पराग पान मसाला, बहार पान मसाला, बाहुबली पान मसाला, राजश्री पान मसाला, रौनक पान मसाला, सिग्नेचर पान मसाला, कमला पसंद पान मसाला, मधु पान मसाला शामिल हैं.सरकारी आदेश के अनुसार बिहार के लोगों के स्वास्थ्य के भलाई के उद्देश्य से अब पान मसाला के उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गई है.
