मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची: कांग्रेस में 20 सूत्रीय कमेटियों को लेकर कांग्रेस के अंदर ही अंदर घमासान मच सकता है। इसी आशंका के कारण झारखंड कांग्रेस में फिलहाल कुछ भी नहीं हो पा रहा है। प्रदेष के पदाधिकारी से लेकर जिलाध्यक्षों को भी सरकार की कमेटियों में स्थान पाने की जुगत में लगे रहना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष की घोषणा होते ही धनबाद जिला कांग्रेस में विद्रोह की चिंगारी फूटेगी। जिला बीस सूत्री एवं प्रखंड बीस सूत्री कमेटी की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस में अंदर ही अंदर विद्रोह की चिंगारी सुलग रही है। कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद का मुद्दा उठेगा। धनबाद प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष समेत कई कांग्रेसियों ने जिला एवं प्रखंड बीस सूत्री कमेटी में स्थान नहीं मिलने पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से अपनी नाराजगी जाहिर की है। सभी प्रमुख कांग्रेसी नेता अभी चुप्पी साधे हुए हैं।इनके निशाने पर मुख्य रूप से मौजूदा जिलाध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह होंगे। ब्रजेंद्र यदि फिर से जिलाध्यक्ष नहीं भी बनते हैं तो निशाने पर वही रहेंगे। कारण, ब्रजेंद्र सिंह फिलहाल प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष, जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद पर हैं। एक साथ वह तीन पदों पर हैं। जिलाध्यक्ष से हटते भी हैं तो दो पद उनके पास रहेगा। इसका कारण, यह है कि वह जिलाध्यक्ष की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।
अधिकांश प्रमुख कांग्रेस नेता जिलाध्यक्ष के दावेदार हैं। वह इस लिए अभी तक बर्दाश्त कर रहे हैं कि विरोध करने पर जिलाध्यक्ष से उनका पत्ता नहीं कट जाए। जिलाध्यक्ष बनना तो एक ही व्यक्ति को है जबकि इसके दावेदार डेढ़ दर्जन कांग्रेसी नेता है। पार्टी जैसे ही जिलाध्यक्ष की घोषणा करेगी, यह नेता पार्टी के एक व्यक्ति एक पद के फार्मूला को धनबाद जिला कांग्रेस में भी लागू करने की मांग करेंगे। ऐसे में उन पर एक और पद छोड़ने का दबाव रहेगा। इसके अलावा जिला बीस सूत्री के कई सदस्य संगठन में पदाधिकारी हैं। ऐसे नेताओं पर भी एक पद छोड़ने का दबाव असंतुष्ट नेता बनाएंगे। इसी तरह प्रखंड बीस सूत्री कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए अधिकांश नेता कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष भी हैं। ऐसे नेताओं पर भी एक पद छोड़ने का दबाव बनाने की तैयारी की जा रही है।
