रांची से अशोक कुमार की रिपोर्ट
रांचीः भाजपा राजनीतिक सुचिता की दुहराई देते हुए नहीं थकती लेकिन मध्यप्रदेश में जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है उससे भाजपा की राजनीतिक सुचिता की पोल खुल गयी है। मध्यप्रदेश के सियासी संकट पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि मध्यप्रदेश में भाजपा का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। लेकिन झारखंड में ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ये उदाहरण पहला नहीं, ऐसे कई उदाहरण देश को देखने को मिले हैं जिसमें भाजपा मुख्य रोल अदा करती है। जो पार्टी सूचिता की बात करती हो, वहीं पार्टी इस तरीके के चीजों को आगे बढ़ा रही है जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आज राजनीति का स्तर किस ओर जा रहा है। झारखंड सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ ऐसा करेंगे, इसका उन्हें कभी अंदाजा भी नहीं था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दरवाजे अभी भी सिंधिया के लिए खुले हैं। लेकिन तबतक सिंधिया भाजपा के कमल को थाम चुके थे। हेमंत सोरेन राज्यसभा चुनाव के लिए शिबू सोरेन के नामांकन कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश के सियासी संकट पर अपनी प्रतिक्रिया दी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के नामांकन के दौरान हेमंत सोरेन ने कहा कि शिबू सोरेन की जीत तय है और दूसरी सीट पर भी महागठबंधन का प्रत्याशी ही जीतेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के हर कदम पर नजर है। जल्द ही गठबंधन की ओर से दूसरे उम्मीदवार की भी घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी के सवाल पर कहा कि भाजपा चुनाव लड़ेगी भी या नहीं, ये भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।
झारखंड में भी महागठबंधन की सरकार है जिसमें झामुमो के साथ कांग्रेस और राजद साथ हैं। हेमंत सरकार में पद नहीं मिलने से कांग्रेस के कई विधायक असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। कां्रगेस के प्रमुख विधायक राजेन्द्र सिंह मंत्री नहीं बनाये जाने ेसे काफी नाराज बताये जा रहे हैं। वहीं दीपिका पंाडे के भी मंत्री बनने की संभावना थी। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकारों ने कां्रगेस के नाराज विधायकों पर अपनी नजरें गढ़ाये हुए हैं।
