
मुखर संवाद के लिये देहरादून से रंजन रंजीत यादव की रिपोर्टः-
देहरादून : चुनावी समर के पहले नेताओं का आना जाना तेजी से हो रहा है। उत्तराखंड की राजनीति में हरक सिंह पुराना नाम होन के वावजूद उनको भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखाने में देरी नहीं की । उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत भाजपा से निकाले जाने पर दुखी हैं। पार्टी से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत एक इंटरव्यू के दौरान फूट-फूटकर रोते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ’बीजेपी ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले मुझसे एक बार भी बात नहीं की। मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, मैं सिर्फ काम करना चाहता था। मैं इतने दिनों से घुटन में जी रहा था। अब उत्तराखंड के लोगों के लिए खुलकर काम करूंगा।’
कल देर रात उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। बीजेपी ने भी 6 साल के लिए उनकी पार्टी सदस्य खत्म कर दी है। अब माना जा रहा है कि वे कांग्रेस में जा सकते हैं। कुछ दिन पहले कैबिनेट मीटिंग में इस्तीफा देने के बाद मना लिए गए वरिष्ठ मंत्री हरक सिंह रावत को पार्टी ने रविवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने देर रात बयान जारी कर बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है और इसकी जानकारी राज्यपाल को भी भेज दी है। वहीं, रावत को 6 साल के लिए भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी बर्खास्त कर दिया गया है। हरक सिंह रावत ने इससे पहले भी अपने इलाके में सुविधाओं की मांग करते हुए इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, उस समय भाजपा आलाकमान के दखल देने से वे मान गए थे। इसके बाद भी चर्चा चल रही थी कि उनके और ब्ड धामी के बीच खींचतान खत्म नहीं हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, हरक सिंह अपने परिवार के लिए विधानसभा चुनावों में तीन सीटों पर अपने रिश्तेदारों व खुद के लिए टिकट मांग रहे थे। इनमें से एक टिकट वह अपनी पुत्रवधू अनुसूया को दिलाना चाहते थे, लेकिन पार्टी एक परिवार-एक टिकट के फॉर्मूले पर ही अड़ी थी। हरक सिंह इसके खिलाफ राज्य में टिकट वितरण के लिए चल रही मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए। इसके चलते उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। हालांकि एक मीडिया चैनल से बातचीत में हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्हें अभी तक पार्टी की तरफ से अपनी बर्खास्तगी की कोई जानकारी नहीं दी गई है।
सूत्रों ने यह भी कहा है कि हरक सिंह रावत सोमवार को कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं। कांग्रेस सूत्रों ने भी कहा है कि सोमवार को हरक सिंह रावत दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर पार्टी की सदस्यता लेंगे। इस दौरान उनके साथ भाजपा के 2 से 3 मौजूदा विधायक भी कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह ने कांग्रेस का मंत्री पद छोड़कर ही कई अन्य विधायकों को साथ लेकर भाजपा की सदस्यता ली थी।अपने रिश्तेदारों को टिकट नहीं मिलने से नाराज हरक सिंह रावत रविवार शाम को दिल्ली पहुंच गए थे। यहां वे पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे। उनके साथ रायपुर सीट से विधायक उमेश शर्मा काऊ भी थे, जिन्होंने कुछ दिन पहले हरक सिंह के कैबिनेट से इस्तीफा देने पर अपना विधायक पद छोड़ने की घोषणा कर दी थी। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में उन्हें पार्टी प्रबंधन से कोई खास आश्वासन नहीं मिला था। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के कुछ नेताओं से मुलाकात की थी, जिस पर पार्टी प्रबंधन नाराज था।
