
मुखर संवाद के लिये मनोहर यादव की रिपोर्टः-
पटना: भले ही सुशांत सिंह राजपूत के मामले को महत्व देकर बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी रोटी सेंकना चाहती हो लेकिन उनकी ही पार्टी के कभी थिंक टैंक रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी भाजपा को आईना दिखाने का काम किया है। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में भारतीय जनता पार्टी पर लाश पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। भाजपा बिहार में वोट पाने के लिये सुशांत सिंह प्रकरण पर बिहारवासियों को भड़काकर बिहार के बेराजेगार और अपराध के मुद्दे से हटाना चाहती है। कुल मिलाकर कहें तो बिहार में सुशांत सिंह राजपूत के लाश पर भाजपा वोट की राजनीति कर रही है। उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनोट के मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। यशवंत सिन्हा ने कहा कि कंगना इतनी बड़ी हस्ती नहीं हैं कि यशवंत सिन्हा जैसा व्यक्ति कोई टिप्पणी करे। उन्होंने बिहार के हालात व यहां की कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी घेरा। बिहार में तो 30 साल से लॉकडाउन लगा हुआ है। कंगना के पक्ष में उनके गृह राज्य हिमाचल प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार खुलकर मैदान में आ चुकी है। केंद्र सरकार ने भी कंगना को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है। इस विवाद को लेकर मीडिया के सवाल पर यशवंत सिन्हा बचते नजर आए। कंगना विवाद पर बोलने से इनकार करने वाले यशवंत सिन्हा ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर जरूर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सुशांत की मौत से सभी स्तब्ध हैं। मामले की जांच चल रही है, जिसमें दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। दुख की बात यह है कि इस मामले में लाश पर राजनीति हो रही है। उन्होंने भाजपा द्वारा सुशांत सिंह राजपूत मामले में पोस्टर लगाने को गलत बताया। नीतीश कुमार पर हमलावर यशवंत सिन्हा ने कहा कि बिहार में कानून का राज खत्म हो चुका है। अभिनेत्री कंगना रनोट के मुंबई के पाली हिल रोड पर स्थित मणिकर्णिका फिल्म्स ऑफिस के एक हिस्से को बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने अवैध निर्माण बताते हुए ध्वस्त कर दिया है। इसे सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ उनके बयानों से जोड़कर बदले की कार्रवाई बताया जा रहा है। इससे देशभर में हंगामा मचा है। बीएमसी की कार्रवाई के बाद कंगना अब सीधे शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साध रही हैं। बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की कमी है। चुनाव में आपराधिक छवि और भ्रष्टाचारी व्यक्ति को छोड़ कर हर किसी का उनकी पार्टी में स्वागत है। यशवंत सिन्हा ने कांग्रेस पर पिछलग्गू होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर वह भी उनके साथ आए तो और बेहतर होगा।
