मंदी की मार झेल रहा सरायकेला जिला और मंदी पर नमक लगाने पहुंचा उद्योग विभाग

Jharkhand झारखण्ड

रिपोर्ट- चन्द्रमणि वैद्य ,सरायकेला

खरसांवा: आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र जहां एक टक टाटा मोटर्स को खाली पेट निहार रही है वहीं दूसरी ओर मोमेंटम झारखंड के तत्वाधान आइडा के आह्वान पर आदित्यपुर ऑटो क्लस्टर में ड्राई पोर्ट इनलैंड कंटेनर डिपो का एक होल्डर सम्मेलन कराया गया जहां दूर-दूर से आए हुए गणमान्य लोग उपस्थित हुए कार्यक्रम में झारखंड के उद्योग सचिव के रवि कुमार पूरे जोश खरोश के साथ उपस्थित रहे और उनका साथ देने के लिए कंटेनर कोर्ट के महाप्रबंधक एस ए रहमान ईपीसी की रीजनल डायरेक्टर अनिमा पांडे कस्टम के ज्वाइंट कमिश्नर आशुतोष शर्मा एवं हल्दिया पोर्ट के सीनियर डिप्टी मैनेजर गिरीश थॉमस उपस्थित रहे और पूरे के पूरे कार्यक्रम में वे लोगों को आंकड़ों के अनुसार बताते रहे कि झारखंड से 8,500 करोड़ का एक्सपोर्ट होता है जिसमें जमशेदपुर और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र का बहुत अहम हिस्सा है इसीलिए डीपों की शुरुआत सबसे पहले जमशेदपुर से की जाएगी हालाकी उद्योग सचिव मजाकिया अंदाज में लोगों को लुभावन सपने दिखाते नजर आएं उनके कई एक बातों में मौजूद उद्योगपति और व्यवसाई ठहाके लगाते सुने गए उनके अनुसार एक्सपोर्ट इंडस्ट्रीज में उतरने के लिए कंपनी को कार्यालय खोलने की भी आवश्यकता नहीं है बल्कि उन्हें कार्यालय भी सरकार ही खोल कर देगी उद्योग सचिव के अनुसार उद्योगपतियों को कार्यालय खोलने के लिए कलम भी लाने की आवश्यकता नहीं होगी सारी की सारी सुविधाएं उन्हें सरकार मुहैया कराएगी बशर्ते वे इस इंडस्ट्रीज में जमशेदपुर से एक्सपोर्ट को प्रभाव में लाएं । कार्यक्रम की शुरुआत जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रार्थना कर दिखावा किया गया वही दुसरी ओर प्रधान मंत्री के खुले मंच से मना करने के बाद भी पानी के लिए रखी गई पलास्टीक की बोतले कैमरे को मुंह चिढ़ाती दिखी। खैर कार्यक्रम पारम्परिक तरीके से दीप प्रज्वलित कर किया गया वही कार्यक्रम में और भी गणमान्य लोगों ने उद्योग पतियों को अपने अपने तरीके से मनवाने का भरसक प्रयास किया वहीं दूसरी ओर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में एशिया के नाम से संगठन चलाने वाले उद्योगपति सह संगठन के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल ने खुले मंच मीडिया को दोषी ठहराते हुए यह कहा कि आदित्यपुर में औद्योगिक मंदी है ही नहीं बल्कि मीडिया एवं पत्रकार बंधुओं ने एक हउआ बनाया है जिसकी आवश्यकता नहीं है और वे इस मंदी से उबरने के लिए काफी सक्षम है। कार्यक्रम के अंत में आएडा निदेशक ने हमारे चैनल के माध्यम से झारखंड में कंटेनर पोर्ट नहीं होने के नुकसान को भी आम व्यवसायियों को समझाना चाहा । हालांकि हमारे पूर्व में बनाए गए कई एक समाचारों में हमें रोजमर्रा के काम करने वाले कामगार श्रमिकों का दर्द कैमरे के सामने छलकता हुआ दिखा था अब यह दर्द एशिया के अनुसार कितना सच है यह तो सिर्फ और सिर्फ दर्द झेलने वाला मजदूर ही बता सकता है पूर्व में वित्त सचिव की घोषणाओं को ध्यान में रखकर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र अपने रोजमर्रा के काम में लगा है लेकिन अब देखना यह होगा की कामगारों के दुख को सरकार अपने मत्थे कब लेगी या रोज नए-नए लोकलुभावन व्यवसाय और नए-नए एजेंडो के साथ आम व्यवसायियों के बीच उपस्थित होती रहेगी।

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