
मुखर संवाद के लिये विनय कुमार की रिपोर्टः-
गढ़वा: जहां खोरठा को लेकर धनबाद और बोकारो में प्रदर्शन कर अपनी बात अमनवाते हुए भोजपुरी और मगही को राजभाषा से हटा दिया गया वहीं गढ़वा जिले में भोजपुरी और मगही को राज्यस्तरीय भाषा की सूची में शामिल कराने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। गढ़वा के प्रखंड मुख्यालय परिसर में सभी जिलों में सरकारी/स्थाई नियुक्तियों की स्थानीय भाषाओं की भाषा सूची भोजपुरी और मगही को शामिल करने को लेकर प्रखंड की आम ग्रामीणों द्वारा प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया। प्रखंड प्रमुख धर्मराज पासवान के नेतृत्व में आयोजित धरना प्रदर्शन में प्रखंड के कोने कोने से बड़ी संख्या में आए ग्रामीण जनता द्वारा राज्य में जेएसएससी एवं जेपीएससी की नियुक्ति परीक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा के रूप में भोजपुरी और मगही भाषा को राज्य स्तरीय भाषा सूची में दर्ज कराने की आवाज बुलंद की गई। इसमें प्रखंड क्षेत्र के चंदना खोखा पिपरा करीवाडीह खरौंधी बजरमरवा चंदनी सुंडी पिपरी राजी मझिगावां हुसरू अमरोरा सिसरी अरंगी कूपा चौरिया कोसलीबार सरहिया बैतरी सहित एक दर्जन गांव से आए काफी संख्या में लोगों ने भाग लेकर भोजपुरी और मैगी को राज्य स्तरीय भारत सूची में शामिल करने की आवाज बुलंद करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश महतो को राज्यपाल के नाम मांग पत्र सौंपा ।
मौके पर धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बारी-बारी से मांगों के समर्थन में अपने वक्तव्यों को रखा। इस दौरान धरना प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने जोशीले अंदाज में भोजपुरी- मगही को पूरे झारखंड की स्थानीय / क्षेत्रीय भाषा घोषित करो, हमारे बच्चों का भविष्य बर्बाद मत करो, भाषाई खिलवाड़ बंद करो, आदि के नारे भी लगा रहे थे। प्रखंड प्रमुख धर्मराज पासवान में अपने संबोधन में पलामू जिला में मगही एवं भोजपुरी भाषा को जिला स्तर की सरकारी नियुक्तियों की भाषा सूची में दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं मंत्री मिथिलेश ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा की भोजपुरी एवं मगही भाषा को राज्य स्तरीय भाषा सूची में दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि जेएसएससी तथा जेपीएससी की नियुक्ति हेतु भाषा सूची में मगही तथा भोजपुरी भाषाओं को स्थान नहीं दिया गया है । इससे पूरे राज्य के बेरोजगार युवाओं में काफी हताशा एवं निराशा है । हम लोग यह मांग करते हैं कि राज्य स्तरीय नियुक्ति की भाषा सूची में मगही और भोजपुरी को दर्ज कराने की कार्रवाई की जाए तथा उपरोक्त मांगों की पूर्ति हेतु यथाशीघ्र समुचित आदेश निर्गत की जाए । कहा गया कि यदि हम लोगों के मोगों के समर्थन में कार्रवाई करते हुए भोजपुरी और मगही भाषा को राज्य स्तरीय क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल नहीं किया जाता है।तो हम सभी ग्रामीण बाध्य होकर सड़क पर उतरेंगे और उग्र आंदोलन करेंगे।
प्रखंड प्रमुख धर्मराज पासवान ने कहा कि अभी तक के राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पारा टीचरों के हित में उनके समस्याओं का समाधान, किसानों की ऋण माफी, किसानों, मजदूरों, छात्रों, युवाओं, व्यवसायियों के हित में लिए तमाम निर्णयों, विकास योजनाओं एवं कार्यों से उन्हें पूरा विश्वास है। आशा है कि वह हमारी भोजपुरी- मगही भाषा को राज्य स्तरीय क्षेत्रीय भाषा सूची में शामिल करने की मांग पर गंभीरता से विचार करते हुए हमारी मांगों को शीघ्र पूरा करेंगे और क्षेत्र के इस मांगो के पूरा करने के आकांक्षी समस्त युवाओं एवं आम आवाम को सम्मान देने का काम करेंगे। मौके पर उपरोक्त के अलावे अभिजीत किशोर, हिफाजत अंसारी, बिनोद यादव, रवि हुसैन, लालमुनि यादव, राकेश उरांव, विजय मेहता, कोदू राम, अखिलेश यादव, रामचंद्र यादव, लवकुश प्रजापति, सुनील यादव, जन्नत अंसारी, सुदर्शन उरांव सहित प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र से आए काफी संख्या में ग्रामीण जनता उपस्थित थे।
