मतगणना के अंतिम परिणाम घोषित होने में हो सकता है विलंब

Jharkhand झारखण्ड

चुनाव आयोग ने इस बार इवीएम के वोट गिनने के बाद हर विधानसभा के किसी पांच मतदान केंद्रों के वीवीपैट के स्लिप की गिनती करने का भी निर्देश दिया है. वीवीपैट कि गिनती में समय लगने की संभावना है. वीवीपैट के मिलान के बाद ही आधिकारिक परिणाम जारी किये जायेंगे. इस कारण आधिकारिक परिणाम शाम पांच बजे के बाद जारी होने की संभावना है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों के मिलान की संख्या पांच गुना बढ़ाने से मतगणना प्रक्रिया में मामूली देरी होगी लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को ही आएंगे। माना जा रहा है कि नतीजे आने में कुछ घंटों का विलंब हो सकता है।
मतगणना के दिन हर लोकसभा सीट की एक विधानसभा क्षेत्र की पांच ईवीएम मशीनों और वीवीपैट का मिलान होगा। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक छोटे राज्यों जैसे कि सिक्किम, पुड्डुचेरी, गोवा, मणिपुर, मेघालय आदि के नतीजे जल्द आएंगे। लेकिन बड़े राज्यों के मामले में निश्चित रूप से नतीजे देर शाम तक ही स्पष्ट हो सकेंगे। एक अधिकारी ने कहा कि यह भी हो सकता है कि इनकी घोषणा करने में रात हो जाए।
सूत्रों ने बताया कि आयोग ने इस बढ़ी हुई मिलान संख्या के लिए पूर्ण योजना बना ली है। इसके लिए अलग से स्टाफ नहीं लगाना पड़ेगा क्योंकि बढ़ोतरी बहुत ज्यादा नहीं है। चुनाव आयोग ने 2019 के चुनाव में 10.35 लाख वोटिंग बूथ बनाए हैं जिसमें एकआध को छोड़कर सभी मतदान केंद्रों में एक वोटिंग मशीन और एक वीवीपैट है। इस हिसाब से लगभग 10 लाख वोटिंग मशीनें और 10 लाख वीवीपैट प्रयोग की जा रही हैं। वहीं बैकअप के रूप में लगभग तीन लाख मशीनें और वीवीपैट अलग से रखे गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को दिए आदेश में कहा था कि हर विधानसभी क्षेत्र से एक मशीन की बजाय पांच ईवीएम का वीवीपैट से मिलान किया जाए। कोर्ट के इस आदेश के अनुसार चुनाव आयोग को 20,625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने पर्ची मिलान संख्या पांच गुना करने का यह आदेश 21 विपक्षी दलों की याचिका पर दिया था। हालांकि इन दलों ने 50 फीसदी मशीनों के मिलान कराने की मांग की थी ताकि मतगणना प्रक्रिया में पारदर्शिता आए और वोटर का आत्मविश्वास बढ़े। लेकिन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि यदि 50 फीसदी वीवीपैट का ईवीएम से मिलान करने का आदेश दिया गया तो चुनाव नतीजे आने में पांच से छह दिन की देरी होगी। क्योंकि 50 फीसदी मिलान करने का मतलब होगा पांच लाख से ज्यादा मशीनों को मिलाना। इसमें न केवल संसाधन जाया होंगे, बल्कि समय भी काफी लगेगा। इसी काारण से चुनाव आयोग ने प्रत्येक लोकसभा के तहत आनेवाली विधानसभा क्षेत्रों के पांच पांच बूथों के वीवीपैड की पर्चियों से ईवीएम के मतदान की मिलान की जायेगी।

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