
मनरेगा में भुगतान नहीं होने के कारण किसान ने की आत्महत्या रांची: झारखंड में कर्ज में डूबे एक किसान ने आत्महत्या कर ली है. शुक्रवार को रांची जिला के चान्हो प्रखंड स्थित पतरातू गांव का किसान लखन महतो (45) कर्ज से परेशान था. उसने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 3.54 लाख रुपये का कुआं का निर्माण करवाया था. प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगा-लगाकर थक गया और शेष 1.54 लाख रुपये का भुगतान नहीं हुआ, तो आखिरकार उसने कुआं में कूदकर जान दे दी. लखन के परिवार में पत्नी और बूढ़ी मां के अलावा उसके तीन बेटे हैं।दो-तीन दिन से घर से लापता लखन ने शुक्रवार की देर रात कुआं में कूदकर आत्महत्या कर ली. लोगोें ने शनिवार की सुबह उसके शव को देखा और पुलिस को सूचना दी. चान्हो थाना की पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. थाना प्रभारी ने कहा कि लखन की मौत के कारणों की जांच चल रही है. दूसरी तरफ, अपराह्न एक बजे तक मृतक के घर न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचा था, न ही कोई जनप्रतिनिधि। ग्रामीणों के मुताबिक, मृतक ने मनरेगा के तहत कुएं का निर्माण कराया था और पिछले कुछ महीनों से भुगतान के लिए ब्लॉक का चक्कर लगाता था। रकम भुगतान न होने के चलते वो मानसिक रूप से परेशान रहता था। मृतक की पहचान 40 वर्षीय लखन महतो के रूप में हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि लखन शुक्रवार सुबह से घर से गायब था। शाम को जब घर नहीं लौटा तो उसकी खोजबीन की गई लेकिन रातभर उसका कुछ पता नहीं चला। उन्होंने बताया कि कुछ महीनों पहले मनरेगा के तहत लखन ने एक कुएं का निर्माण कराया था। कुछ महीनों से रकम भुगतान को लेकर वो ब्लॉक में अधिकारियों के पास जा रहा था लेकिन भुगतान नहीं हो पाया था। इसे लेकर वो मानसिक रूप से परेशान भी रहता था। उन्होंने बताया कि लखन ने जिस कुएं का निर्माण कराया था, शनिवार सुबह उसी कुएं में उसकी लाश मिली। मृतक अपने पीछे तीन बेटे, पत्नी और बूढ़ी मां को छोड़ गया है। घटना की सूचना के बाद चान्हो थाना प्रभारी दिलेश्वर कुमार मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। फिलहाल, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
