
रांची से अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांचीः भले ही झारखंड की राजनीति में दिशोम गुरू शिबू सोरेन अपने आपको राजनीतिक रूप् से सक्रिय नहीं रख रहे हो और उनके पुत्र हेमंत सोरेन उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। लेकिन शिबू सोरेन लगातार अपनी संपत्ति बढ़ाने में सफल हो रहे है। झामुमो से भाजपा के टिकट पर जाकर जीते जयप्रकाश भाई पटेल ने शिबू सोरेन के स्वास्थ्य को लकर सवाल उठाते हुए कहा था कि शिबू सोरेन अपनी कुर्सी पर जाकर खुद से नहीं बैठ सकते हैं तो वह राज्यसभा में झारखंड की जनता की आवाज क्या उठायेंगें ? उन्होनंे आशंका जाहिर की थी कि शिबू सोरेन फिर से भाजपा के पक्ष में राज्यसभा में वोट कर देंगे, जबकि वह जीतकर कांग्रेस के सहयोग से जायेंगे। शिबू सोरेन की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार कमान संभाल रहे हैं लेकिन शिबू सोरेन पिछले 10 महीनों में ही अपनी संपत्ति 24 लाख बढ़ाने में सफल हुए है। झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख शिबू सोरेन ने आज राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। नामांकन प्रक्रिया के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो और झामुमो महासचिव विनोद पांडेय सहित कई नेता मौजूद थे। राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव होना है। महागठबंधन की ओर से एक सीट के लिए शिबू सोरेन की जीत को तय माना जा रहा है। लेकिन दूसरे सीट के लिये प्रत्याशी का नाम पर अभी भी तय नहीं हो सका है। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन दो बार राज्यसभा जा चुके हैं। केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। झारखंड में अप्रैल में खाली हो रही राज्यसभा की दो सीटों में से एक के लिए बुधवार को शिबू सोरेन ने नामांकन कर दिया। शिबू सोरेन ने एक सेट में अपना नामांकन पत्र विधानसभा सचिव महेंद्र प्रसाद को सौंपा। नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक, 10 महीने में शिबू सोरेन की संपत्ति में 24 लाख रुपए का इजाफा हुआ है। 73 साल के शिबू सोरेन ने नामांकन पत्र के दौरान दाखिल किए शपथ पत्र में अपनी कुल संपत्ति 7.50 करोड़ रुपए बताई है। उन्होंने अप्रैल 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए शपथ पत्र में हिंदू अविभाजित परिवार की संपत्ति समेत अपनी कुल संपत्ति 7.26 करोड़ रुपए घोषित की थी। जबकि उन्होंने 2014 में 4.87 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी। छह साल में शिबू सोरेन की संपत्ति में डेढ़ गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है। अप्रैल 2019 में शिबू ने अपनी अचल संपत्ति 5.45 करोड़ बताई थी जबकि 10 महीने के बाद दिए गए शपथ पत्र में उन्होंने 5.50 करोड़ रुपए अपनी अचल संपत्ति बताई है। 2014 में शिबू सोरेन के खुद के नाम दिखाई गई अचल संपत्ति की कीमत 1.60 करोड़ थी। जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में दिए गए शपथ पत्र में उन्होंने अपनी कुल चल संपत्ति 2,29,67,962 रुपए बताई थी जिसमें 10 महीने में मामूली रूप से इजाफा हुआ है। राज्यसभा के लिए भरे गए नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र में शिबू सोरेन ने अपनी कुल चल संपत्ति 2,29,76,862 रुपए बताई है। करीब 14 हजार रुपए का इजाफा दिखाया गया है। उन्होंने 2014 में अपनी कुल चल संपत्ति 1,55,34,684 रुपए घोषित की थी। जेएमएम के 10 विधायक शिबू सोरेन के प्रस्तावक बने हैं। शिबू सोरेन के नामांकन के दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस और जेएमएम के मंत्री और विधायक मौजूद रहे। शिबू सोरेन को गठबंधन की ओर से एक सीट के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। नामांकन के दौरान मौजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि शिबू सोरेन की जीत तय है। दूसरी सीट पर हमारी नजर है। उन्होंने कहा कि भाजपा के हर कदम पर नजर है। जल्द ही गठबंधन की ओर से दूसरे उम्मीदवार की भी घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी के सवाल पर कहा कि भाजपा चुनाव लड़ेगी भी या नहीं, ये भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।
शिबू सोरेन के नामांकन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि दोनों सीट पर गठबंधन के प्रत्याशी विजयी होंगे। कांग्रेस जल्द ही अपने प्रत्याशी का एलान करेगा। शिबू सोरेन 1998 और 2002 में राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। बता दें कि चुनाव प्रक्रिया छह मार्च से शुरू गई है। 26 मार्च को बैलेट पेपर के जरिए मतदान होगा। इसी दिन शाम को 5 बजे नतीजों का ऐलान कर दिया जाएगा। 9 अप्रैल को राज्यसभा में झारखंड से दो सीटें खाली हो रही हैं। चुनाव में जीत के लिए एक उम्मीदवार को कम से कम 28 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी। झामुमो के पास 30 विधायक हैं। बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने के बाद इस पार्टी की सदस्य संख्या 26 हो जाएगी। आजसू के दो विधायकों को मिला लें तो भाजपा समर्थक विधायकों की संख्या 28 हो जाती है। वैसे भाजपा का दावा है कि दो निर्दलीय विधायक भी उनके संपर्क में हैं। इन्हें मिला लें तो भाजपा 30 तक पहुंच जाती है। जेएमएम-भाजपा अपने-अपने उम्मीदवारों को राज्यसभा भेज सकते हैं। सरयू राय और अमित यादव का वोट भाजपा को मिल सकता है तो वहीं राकंपा के कमलेश सिंह का वोट भी महागठबंधन और भाजपा दोनेां के ही प्क्ष में जा सकता है।
