माटी का लाल ही झारखंड की बन सकता है आवाज

Jharkhand झारखण्ड

गिरिडीह : झामुमो अध्यक्ष व दुमका से पार्टी प्रत्याशी शिबू सोरेन ने गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में लगातार तीन चुनावी सभाएं कीं। शिबू सोरेन ने हिंदी के साथ-साथ संथाली भाषा में भी लोगों को संबोधित किया। महाजनी प्रथा के विरुद्ध और अलग झारखंड की मांग को लेकर चलाये अपने आंदोलन से जुड़े किस्से-कहानी नहीं सुनाये, पर जल, जंगल और जमीन का दर्द उनमें जरूर झलका। शिक्षा पर जोर और माटी की भी बात की। माना जा रहा है कि झामुमो ने गुरुजी की दुमका से बाहर गिरिडीह में तीन चुनावी सभाएं कराकर भाजपा को करारा जवाब देने की कोशिश की है, जो उनके स्वास्थ्य व स्मरणशक्ति पर लगातार सवाल उठा रही है।  
गुरुजी ने गिरिडीह के भलुआपहरी मैदान में झामुमो प्रत्याशी जगरनाथ महतो के पक्ष में हिंदी और संथाली भाषा में वोट करने की अपील की। कहा कि भाजपा ने 2014 में जो वादे किए थे, सभी खोखले साबित हुए। अब नए वादे के साथ चुनाव मैदान में है। राजगंज में कहा कि झारखंड में सबकुछ है, पर हमारा घर खपड़ैल व झोपड़ा है। इसका कारण अशिक्षा है। हमे इसे समझना होगा। माटी का बेटा ही जल, जंगल और जमीन बचा सकता है।

दुग्दा के फुटबॉल मैदान की चुनावी सभा में शिबू सोरेन ने कहा कि जल, जंगल और जमीन की लड़ाई माटी का बेटा ही लड़ सकता है। केंद्र व राज्य सरकार ने जनता को धोखे में रखकर वोट लिया है। उन्होंने कहा कि इस बार जनता सावधान रहे। रामगढ़ वाला आपका ख्याल नहीं रख पाएगा। 

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