
माॅब लिंंिचग की घटना के विरोध में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का धरना-प्रदर्शन रांची: झारखंड में बढ़ती हुई माॅब लिंंिचग की घटनाओं ने पुरे देश में भूचला ला दिया है। झारखंड की माॅब लिंंिचग की आग दिल्ली के जंतर तमंतर से लेकर रांची के राजभवन तक पहुंच चुकी है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं के विरोध में रांची में राजभवन के सामने विभिन्न सामाजिक संगठन के लोगों ने एक दिवसीय धरना दिया। इसमें विपक्षी दलों के कई नेता भी शामिल हुए. इस दौरान सरायकेला की घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई. धरना में यूपी के जाने- माने शायर और सहारनपुर से कां्रगेस के प्रत्याशी रहे इमरान प्रतापगढ़ी भी शामिल हुए ।इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि जब संसद में मुस्लिम सांसदों के शपथग्रहण के दौरान बाकी सांसद श्रीराम का नारा लगाएंगे, तो बाहर मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं होंगी ही। यह लोकतंत्र पर हमला है, जो आने वाली नस्लों के लिए खतरनाक है. ये मॉब लिंचिंग नहीं, मॉबलाइज लिंचिंग है. इसके पीछे एक गिरोह काम कर रहा है। कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि मॉब लिंचिंग के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने कानून बनाने का आदेश दिया है. राज्य सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। जेवीएम नेता खालिद ख़लील ने कहा कि यह सोची समझी साजिश का नतीजा है। राज्य सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने में समझ है। जेएमएम नेत्री और रांची विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुकी महुआ मांझी ने कहा कि झारखंड धार्मिक सौहार्द के लिए जाना जाता था. लेकिन वर्तमान सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए यह सब करा रही है. विकास के दावे तो हवा- हवाई हैं.बता दें कि गत 17 जून की रात को मृतक तबरेज अंसारी जमशेदपुर से सराईकेला स्थित अपने गांव कदमडीहा लौट रहा था. इसी दौरान धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में उसे पकड़ लिया और रात भर बांधकर पिटाई की. इसके बाद लोगों ने अगले दिन सुबह उसे पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने पहले उसका इलाज सदर अस्पताल में कराया, फिर शाम को जेल भेज दिया। 22 जून की सुबह तबरेज को जेल से गंभीर हालत में सदर अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी। मृतक के परिजनों ने उसके जिंदा होने का दावा कर उसे रेफर करने की मांग की जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने उसे जमशेदपुर के टीएमएच अस्पताल रेफर कर दिया. वहां भी डॉक्टरों ने तबरेज को मृत करार दिया। यहां से शव को वापस सरायकेला लाकर उसका पोस्टमॉर्टम कराया गया.मंगलवार को मृतक तबरेज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आयी. हालांकि इसमें मौत के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चला. अब बिसरा जांच में इसका खुलासा होगा. अबतक इस मामले में 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसआईटी घटना की जांच कर रही है। इधर, रांची स्थित झारखंड हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की गई. इसमें सीबीआई जांच की मांग की गई है. अब तक सूबे में 18 मॉब लिंचिंग के मामले हुए हैं। जनहित याचिका दायर करते हुए पंकज कुमार यादव ने कहा है कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के इरादे ठीक नहीं होने के कारण ही ऐसी घटनाओं को लेाग अंजम दे रहे हैं।
