





रांची से अशोक कुमार, दुमका से दशरथ महतो और कोल्हान से चन्द्रमणि की रिपोर्ट
रांची: झारखंड में अब किसी भी राजनीतिक दल की स्पष्ट बहुमत नहीं मिलती हुई दिख रही है। झारखंड सरकार की सत्ता की चाबी इस बार आजसू और जेवीएम के हाथों में होगी। एक्ज्टि पोल के अनुसार सत्ता की चाबी अब आजसू और जेवीएम के हाथों में जाने से विपक्षी दलों की उम्मीद टूट सकती है। आजसू पहले से ही भाजपा का सहयोगी रहा है तो वहीं जेवीएम भी भाजपा के साथ जाने से गुरेज नहीं करेगा।
मुखर संवाद के एक्जिट पोल में कांग्रेस़+झामुमो+ राजद को 35 सीटे, बीजेपी को 32 सीटे, जेवीएम को 3 सीटे और आजसू को 5 सीटे मिलने का अनुमान है. इसके अलावा अन्य को भी 6 सीटे मिल सकती हैं. झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटे हैं, जिनपर चुनाव हुआ है. ऐसे में ये आंकड़े बीजेपी के लिए बुरी खबर साबित हो सकते हैं. जबकि कांग्रेस के लिए ये एग्जिट पोल खुशी की खबर लेकर आए हैं.झारखंड के विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब राज्य में नई सरकार किसकी बनेगी इसका फैसला 23 दिसंबर को होगा| झारखंड में चुनाव के पांचवें चरण की वोटिंग के बाद अब एक्जिट पोल के रुझान सामने आ रहे हैं। पांच चरणों में हुए चुनाव के बाद झारखंड के जनादेश का फैसला अब 23 दिसंबर को जनता के बीच होगा। हालांकि एक्जिट पोल में आए रुझानों के आधार पर ही फिलहाल अलग-अलग पार्टियां अपनी जीत और विरोधियों की हार का दावा कर रही हैं।
81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 5 चरणों में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच चुनाव हुए। चुनाव में अर्थव्यवस्था की खराब सेहत से लेकर आर्टिकल 370 हटाए जाने, अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले जैसे राष्ट्रीय मुद्दों की भी गूंज रही। इसके अलावा आखिरी के 2 चरण के चुनाव तो ऐसे वक्त में हुए जब नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में तमाम जगहों पर उग्र विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मुख्य मुकाबला बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुआई वाले महागठबंधन के बीच है। महागठबंधन में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल भी शामिल है और उसने जेएमएम नेता हेमंत सोरेन की अगुआई में चुनाव लड़ा। महागठबंधन की तरफ से जेएमएम के 43, कांग्रेस के 31 और आरजेडी के 7 उम्मीदवार हैं। लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा रही पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा इस बार महागठबंधन में नहीं है। 2014 के पिछले झारखंड विधानसभा चुनाव में कुल 81 सीटों में से बीजेपी ने 37 पर जीत ( 31.3 प्रतिशत वोट शेयर) हासिल की थी। ।आजसू ने 3.7 प्रतिशत वोटशेयर के साथ 5 सीटें जीती थीं। झारखंड मुक्ति मोर्चा का वोटशेयर 20.4 प्रतिशत था और पार्टी की झोली में 19 सीटें आई थीं। बाबू लाल मरांडी के झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) ने करीब 10 प्रतिशत वोटशेयर के साथ 8 सीटों पर जीत हासिल की थी।
मुखर संवाद ने आई इंडिया के साथ एक्जिट पोल कराया है जिसमें मिलकर एग्जिट पोल कराया है जिसके जरिए आप अंदाजा लगा सकते हैं कि झारखंड में सत्ता की चाबी किसके हाथ लगेगी. राज्य में बीजेपी की सत्ता बरकरार रहेगी या कांग्रेस, जेएमएम के हाथ मुख्यमंत्री की कुर्सी आएगी ?
