
मुखर संवाद के लिये दशरथ यादव की रिपोर्टः-
साहिबगंजः झारखंड की सबसे हॉट सीट है बरहेट। अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित इस विधानसभा सीट से झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ गमालियल हेम्ब्रम झारखंड विधानसभा 2024 का चुनाव बरहेट (एसटी) विधानसभा सीट से लड़ने जा रहे है। गमालियल हेम्ब्रम ने 5 साल पहले पारा टीचर की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा है और उनकी पत्नी भी जनप्रतिनिधि हैं। गमालियल हेम्ब्रम को खेल से गहरा लगाव है। क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन करने के लिए जाने जाते हैं। गमालियल हेम्ब्रम जिस टूर्नामेंट का आयोजन करते हैं, उसमें देश-विदेश के खिलाड़ी शामिल होते हैं। 2019 में हेमंत सोरेन के खिलाफ आजसू पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं।
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चुनाव लड़ने के लिए गमालियल हेम्ब्रम ने वर्ष 2019 में पारा शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। महज 25 साल की उम्र में उन्होंने बरहेट (एसटी) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उस वक्त हेमंत सोरेन इस सीट से चुनाव लड़ रहे थे। भाजपा ने सिमोन मालतो को मैदान में उतारा था। 2019 के चुनाव में हेमंत सोरेन को 73,725 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर मालतो रहे थे. उनको 47,985 वोट प्राप्त हुए थे। झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के उम्मीदवार होपना टुडू को 2,622 और आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले गमालियल हेम्ब्रम को 2,573 वोट मिले थे।
बरहेट में में इनकी पहचान एक बड़ा फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन करने वाले की है। जब भी फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन होता है, उसमें भारी संख्या में लोग जुटते हैं। देश के कई राज्यों के फुटबॉल खिलाड़ी तो इसमें खेलते ही हैं, कई विदेशी खिलाड़ी भी खेलने के लिए आते हैं। उनकी पत्नी विनीता टुडू बरहेट की खैरवा पंचायत से लगातार 2 बार मुखिया चुनी गईं हैं। संताल परगना के साहिबगंज जिले में स्थित बरहेट विधानसभा सीट पर आज तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जीत नहीं मिली है। वर्ष 1957 और वर्ष 1962 के चुनाव में झारखंड पार्टी के टिकट पर बाबूलाल टुडू यहां से चुनाव जीते थे।
