
जामताड़ा: धार्मिक उन्माद किस तरह से सिर चढ़कर बोल रहा है , यह जामताड़ा की एक घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है। जामताड़ा में एक हिन्दू यादव बर्जुग को कुछ युवकों ने मुस्लिम समझाकर उससे जबरन जय श्रीराम के नारे लगावाया। जामताड़ा बाजार में कार सवार कुछ युवकों ने एक बुजुर्ग के साथ झगड़ा किया और जय श्रीराम के नारे लगवाए। बुजुर्ग ने जयश्रीराम का जयकारा लगाया। लेकिन कार सवार युवकों को शरारत सूझी। बुजुर्ग को धमकाते हुए बार-बार यही नारा दोहराने को कहा। बुजुर्ग ने युवकों के कहने पर तीन-तार दफा जयश्रीराम के जयकारे लगाए। जब यह सबकुछ हो रहा था, तो आसपास से बड़ी संख्या में लोग वहां जुट गए। माहौल तनावपूर्ण होने लगा। तभी बुजुर्ग ने कहा- बैर न कर काहू सन कोई, राम प्रताप विषमता खोई। रामचरितमानस में बैर दूर करने के लिए यह चैपाई कही गई है। बुजुर्ग ने इस चैपाई की महत्ता भी कार सवार लोगों को समझाई। उन्होंने बताया कि श्री राम का धर्म कहता है कि किसी से बैर नहीं करो। राम से प्रेम करने वाले विषमता व आंतरिक भेदभाव नहीं फैलाते, बल्कि मिटाते हैं। जामताड़ा के मस्जिद रोड पर सड़क के दोनों ओर फल विक्रेताओं ने अपने-अपने ठेले लगा रखे थे। गाड़ियां भी आसानी से आ-जा रही थीं। तभी एक काले रंग की कार में सवार चार युवक वहां पहुंचे। कार सवार लोगों ने लुंगी-कुर्ता पहने बुजुर्ग लालमोहन यादव से कहा कि अपना ठेला सड़क से हटा लें, कार निकलने की जगह नहीं है। बुजुर्ग ने कार सवार लोगों से कहा- मालिक और भी गाड़ियां इस रास्ते से आ-जा रही हैं। कहीं जाम नहीं लग रहा। आपकी कार भी निकल जाएगी। ठेला हटाने की जरूरत नहीं। फिर क्या था, कार सवार युवक गुस्से में आ गए। सभी कार से उतरे और बुजुर्ग से बहस करने लगे। बुजुर्ग विनम्रता से आग्रह करते रहे, लेकिन कार सवार युवक उन्हें हड़काते रहे। पूरे झारखंड में इस तरह की घटनायें होने से भाईचारा पर आंच आ रही है।
