
मुखर संवाद के लिये लखनउ से शिव कुमार यादव की रिपोर्ट
लखनउ: एक राजा के लिए सबसे पहले उसकी प्रजा उसके बाद परिवार….यह प्रसंग हमने रामायण में सिर्फ सुना था और आज अपनी आँखों से देख भी लिया….उत्तर प्रदेश की रहनेवाली अलका सिंह ने अपने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्वीट् पर ये जवाब दिया है। योगी आदित्यनाथ ने आज तो मिशाल ही पेश करके यह सिद्ध कर दिया कि वों सचमुच में योगी हैं और उनको जनता की चिन्ता अपने पिता से भी ज्यादा है। पिता की मौत के वावजूद उन्होंने उनकी जगह अपनी 23 करोड़ जनता को अधिक प्राथमिकता देकर अपने साधु होने का प्रमाण भी दे दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्र लिख कर कहा है कि पिताजी के कैलाशवासी होने पर भारी दुःख और शोक है. वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता है. जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम और निस्वार्थ भाव से लोकमंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया. अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी. लेकिन, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ की जनता के हित में देश की लड़ाई को आगे बढ़ाने का कर्तव्य बोध के कारण नहीं कर सका. मंगलवार 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं. मां एवं पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से अपील है कि वे लाॅकडाउन का पालन करते हुए कम-से-कम लोग अंतिम संस्कार में रहें. पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन और विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं. लॉकडाउन के बाद दर्शन के लिए आऊंगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का सोमवार की सुबह 10ः 44 बजे निधन हो गया. राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश के अवस्थी ने सूचना देते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है. बताया जाता है कि किडनी और लिवर की समस्या के बाद आनंद सिंह बिष्ट को दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था.जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का सोमवार की सुबह 10ः44 बजे निधन हो गया. मुख्यमंत्री के पिता आनंद सिंह बिष्ट को किडनी और लिवर में समस्या उत्पन्न होने पर उन्हें 13 मार्च को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था. उनकी तबीयत खराब होने पर पहले पौड़ी के जॉलीग्रांट के हिमालयन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. बाद में उनकी हालत गंभीर होने के बाद एयर ऐंबुलेंस से उन्हें दिल्ली स्थित एम्से में भर्ती कराया गया था.एम्स में गेस्ट्रो विभाग के डॉक्टर विनीत आहूजा की टीम आनंद सिंह बिष्ट का इलाज कर रही थी. एम्स के चिकित्सकों के मुताबिक, आनंद सिंह बिष्ट के शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. मालूम हो कि आनंद सिंह बिष्ट उत्तराखंड में फॉरेस्ट रेंजर थे. वह 1991 में सेवानिवृत्त हो गये थे. सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपने गांव उत्तराखंड के यमकेश्वर के पंचूर गांव में रहते थे.
