
रांचीः मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड विधानसभा चुनाव को देखते हुए अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास तेजी से राज्य में विकास योजनाओं पर फोकस कर रहे हैं। राज्य सरकार ने 12 महीने का काम चार महीने में पूरा करने का संकल्प लिया है। लक्ष्य गांव और ग्रामीणों का विकास है। कृषि, सड़क, बिजली, पेयजल, आवास, शौचालय और एलपीजी गैस वितरण पर फोकस रहेगा। हर पंचायत की एक-एक सड़क स्ट्रीट लाइट से जगमग होगी, जबकि दूसरी सड़क पेवर ब्लॉक से बनेगी। लंबे समय की अवधि वाली योजनाओं की जगह ऐसी छोटी-छोटी योजनाएं, जिससे लोगों को तत्काल लाभ हो, उसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लोकसभा चुनाव के खत्म होने और पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव की आहट को देख मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में सभी विभागीय सचिवों और उपायुक्तों के साथ मैराथन बैठक की। मार्च में स्वीकृत हुईं 2000 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शीघ्र टेंडर निकालने का निर्णय हुआ। कल सभी जिले के डीसी अपने-अपने जिले के बीडीओ और मुखियों के साथ बैठक कर विभिन्न योजनाओं का चयन करेंगे। जुलाई में फिर मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में मुख्य सचिव डाॅ. डीके तिवारी, विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव इंदुशेखर चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ. सुनील कुमार वर्णवाल, सभी विभागों के प्रधान सचिव, सभी विभागों के सचिव, सभी जिलों के उपायुक्त और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वरीय अधिकारी मौजूद थे। बैठक की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डीके तिवारी ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना है। इसके तहत 51 लाख किसानों को कवर करना है। प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना के टार्गेट को भी बढ़ाकर मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना तक लाया जाना है। 14वें वित्त आयोग की राशि से गांवों की सड़कें बनाई जानी हैं। ऐसा क्षेत्र, जहां पानी का अभाव है, वहां पर सोलर वाटर सिस्टम डेवलप किया जाएगा। 30 जून तक सभी छुटे शौचालयों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1 लाख में से 70 हजार से अधिक आवास बन चुके हैं। जो शेष हैं, उसे भी पूरा करना है। मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार से पैसे मिलने शुरू हो गए हैं। राशि के रिलीज को लेकर कोई समस्या नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संथाल परगना और पलामू क्षेत्र के जिले अपेक्षाकृत थोड़े पीछे हैं। बिजली की शिकायतों पर रेस्पांस टाइम की मॉनिटरिंग डीसी करेंगे ताकि पता चल सके कि आम आदमी की विद्युत संबंधी शिकायतों का निराकरण कितने समय में हो रहा है। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने बिजली और पेयजल को लेकर सभी जिला उपायुक्तों को व्यवस्था दुरूस्त करने का आदेश दिया है।
