
रांचीः भले ही झारखंड की रघुवर सरकार पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण स्ंवेधानिक प्रावधानों के कारण नहीं दे रही हो लेकिन झारखंड में स्वर्णो को आरक्षण 10 प्रतिशत देने के लिये तत्पर दिखायी देती है। राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को नियुक्ति व नामांकन में 10 प्रतिशत का आरक्षण लाभ मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। कार्मिक विभाग ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का आय एवं परिसंपत्ति प्रमाण पत्र बनाने संबंधी गाइड लाइन जारी कर दी है। अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) केके खंडेलवाल ने राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, उपायुक्त, जेपीएससी, कर्मचारी चयन आयोग व संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परिषद को इसकी कॉपी भेज दी है। इसी प्रमाण पत्र के आधार पर गैर आरक्षित श्रेणी के लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की श्रेणी में मानते हुए नियुक्ति या नामांकन में 10ः आरक्षण प्राप्त हो सकेगा। कार्मिक द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि आरक्षण का लाभ लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आय एवं परिसंपत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है। आवश्यक दस्तावेजों की जांच व सत्यापन के बाद ही आय एवं परिसंपत्ति प्रमाण पत्र डीसी, जिला दंडाधिकारी, अपर उपायुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल दंडाधिकारी, कार्यपालक दंडाधिकारी या सहायक समाहर्ता द्वारा ऑनलाइन जारी किया जाएगा। प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए व्यस्क आवेदक प्रपत्र-1 और अव्यस्क ( बच्चा) रहने की स्थिति में प्रपत्र-2 में आवेदन कर सकता है। तत्काल सेवा का लाभ लेने के लिए प्रपत्र-3 में अलग से आवेदन करना होगा। आय व परिसंपत्ति प्रमाण पत्र झारखंड के स्थानीय निवासी के लिए तय परिभाषा के अंतर्गत आनेवाले लोगों को ही जारी किया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के वर्ग का दर्जा निर्धारित करने के लिए आवेदक के परिवार की आवेदन वर्ष के पूर्व के वित्तीय वर्ष के सभी स्रोतों से होने वाली कुल आय एवं परिसंपत्तियों की गणना की जाएगी।परिवार द्वारा धारित विभिन्न स्थानों या शहरों में अवस्थित भूमि एवं संपत्ति के कुल योग के आधार पर आय एवं परिसंपत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। परिवार शब्द में आवेदक, उसके पति या पत्नी, उसके माता-पिता और 18 वर्ष से कम उम्र के भाई बहन या 18 वर्ष से कम उम्र के संतान शामिल होंगे। यदि सत्या पन के क्रम में पता चलता है कि आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के वर्ग से संबंधित होने का दावा गलत है तो यह नियुक्ति बिना कोई कारण बताए तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएगी। फर्जी या गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए अन्य कार्रवाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के वर्ग से संबंधित व्यक्तियों को अनाक्षित रिक्ति के विरुद्ध नियुक्ति में प्रतिस्पर्धा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकेगा। आर्थि क रूप से कमजोर नागरिकों के वर्ग से संबंधित व्यक्ति जो मेधा के आधार पर चुने जा ते हैं, न कि आरक्षण के आधार पर, उनकी गणना आरक्षित श्रेणी में नहीं की जा एगी।
