राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, सुनील सिंह की सदस्यता होगी बहाल

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मुखर संवाद के लिए शालिनी प्रिय की रिपोर्ट

नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अपनी विधान पार्षद की सदस्यता गंवा चुके राजद नेता सुनील सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनील सिंह की सदस्यता को बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने धारा 142 का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया। इसके साथ ही कोर्ट ने आचार समिति की जारी अधिसूचना भी रद कर दी है।

सुनील सिंह पर विधानमंडल के सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के समय नीतीश कुमार की मिमक्री करने के आरोप लगे थे। आरोप के बाद जदयू एमएलसी की शिकायत पर मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुनील सिंह को नीतीश कुमार का मिमक्री करने की बात की और इसे अनुशासनहीनता माना।

समिति की अनुशंसा पर विधान परिषद के सभापति ने 26 जुलाई को सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने की घोषणा की थी। सदस्यता रद होने के बाद राजद नेता सुनील सिंह ने इसे नीतीश कुमार का तालिबानी शासन करार दिया था और अपने खिलाफ बोलने वाले को डराने वाला निर्णय कहा था।
[2/25, 12:27] ashok gope: जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने इस अहम फैसले में यह भी कहा है कि संवैधानिक कोर्ट को विधायिका के कामकाज में दखल से दूर रखने की दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही जजों ने यह भी कहा है कि अगर सुनील सिंह दोबारा दुर्व्यवहार करें तो एथिक्स कमेटी और चेयरमैन फैसला ले सकते हैं.

सदन के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अशोभनीय व्यवहार करने और उनकी नकल उतारने वाले सुनील सिंह की सदस्यता विधान परिषद की आचार समिति की सिफारिश पर रद्द कर दी गई थी. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सुनील सिंह की याचिका पर 30 अगस्त 2024 को नोटिस जारी हुआ था. कोर्ट ने विधान परिषद अध्यक्ष कार्यालय से जवाब मांगा था.

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