मुखर संवाद के लिये व्यूरों रिपोर्टः-
रांची : राजधानी रांची में आज सरहुल की शोभायात्रा निकलेगी। इसके साथ ही राजधानी वासियों की मुसीबतें भी बढ़नेवाली हैं। राजधानीवासियों को सड़क जलाम और बिजली की कटौती झेलने को आज विवश रहना होगा। वहीं कुछ लोग सरहूल के जूलूस के नाम पर लोगों के साथ गुंडई भी कर सकते हैं।नगर निगम, जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। आज कई रास्ते बंद रहेंगे। भव्य शोभायात्रा हातमा सरना स्थल से शुरू होकर सिरमटोली के सरना स्थल तक जाती है। इस शोभायात्रा में भारी संख्या में लोग नाचते- गाते शोभायात्रा के साथ सफर कर सकते हैं। सरहुल शोभायात्रा के मद्देनजर राज्य के कई हिस्सों में बिजली बाधित रहेगी। रांची में 2 बजे से जुलूस की वापसी तक कई क्षेत्रों में बिजली बाधित रहेगी। सरहुल में लंबे – लंबे झंडे होते हैं ऐसे में कोई हादसा ना हो इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से बिजली बाधित कर दी जाती है। रांची जीएम पीके श्रीवास्तव ने निगम के अभियंताओं को निर्देश दिया है कि जरूरत के अनुसार ही पावर कट करें।मेन रोड, लालपुर, हरमू, बरियातू, रातू रोड, अरगोड़ा, सिरम टोली, बहुबाजार, अपर बाजार, कोकर, मोरहाबादी इलाके में जुलूस के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित रहने का अनुमान है। रांची में सरहुल शोभायात्रा के मद्देनजर कई वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी। प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट में जुलूस में शामिल वाहनों का प्रवेश होगा। सामान्य वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक है। एमजी रोड, रेडियम रोड, क्लब रोड सहित अन्य रूट में जुलूस में शामिल वाहनों को छोड़कर सामान्य वाहनों के प्रवेश पर रोक है। हजारीबाग, जमशेदपुर, लोहरदगा और गुमला रूट के वाहनों का आवागमन रिंग रोड से होकर होगा।
डीसी और एसएसपी ने संयुक्तादेश जारी करते हुए सरहुल के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 60 मजिस्ट्रेट और 300 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया है। सभी थाना क्षेत्रों में 10 गश्ती दलों को तैनात किया गया है। यही नहीं राजधानी रांची में सरहूल के जूलूस के कारण गुजरनेवाले जूलूस के क्षेत्रों में दुकानें भी बंद रहेगी। दुकानदार सरहुल के मौके पर निकलनेवाले जूलूस से काफी भयभीत रहते हैं। प्रत्येक वर्श दुकानों से रंगदारी के रूप में चंदा की वसूली भी सरहुल के नाम पर आदिवासी युवक करते हैं। प्रषासन भी आदिवासी युवकों की गुंडई आगे मौन रहती है। पिछले कई वर्षो का इतिहास रहा है कि जूलूस के साथ आये युवकों ने दुकानदारों के साथ मारपीट और लूटपाट भी की है।
सरहुल के शोभायात्रा का इतिहास लगभग 62साल पुरानी है। 1961 में सिरमटोली सरना स्थल को बचाने के लिए की गयी थी। सिरमटोली गांव के सरना स्थल की जमीन को गांव के रामगढ़ के एक कारोबारी के हाथों बेचने की कोशिश की गयी थी। ग्रामीणों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया था। तब से लेकर आज तक शोभायात्रा निकाली जा रही है। पहले के तीन वर्षों तक यह शोभायात्रा करमटोली स्थित शशि भूषण मानकी के आवास के निकट स्थित उसी साल वृक्ष से लेकर सिरम टोली सरना स्थल तक जाती थी। 1964 से इस पूजा का आयोजन हातमा सरना स्थल में किया जाने लगा और वहीं से शोभायात्रा निकाली जाने लगी।
