रिम्स को सुधारने का दावा करनेवाले हेमंत सरकार के मंत्री सरकारी अस्पताल रिम्स की व्यवस्था को छोड़कर निजी अस्पताल पर किया भरोसा

Jharkhand झारखण्ड

मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: सूबे की हेमंत सोरेन सरकार राज्य के चिकित्यसा व्रूवस्था को लेकर सुधार के लंबे चैड़े दावे करती है लेकिन जब उनके मंत्रियों की जान जोखिम में आ जाती है तो वो खुद सरकारी व्यवस्था को छोड़कर निजी व्यवस्था पर भरोसा करते हैं। कुछ इसी तरह का वाक्या षिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के साथ हुआ है। षिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की तबियत खराब होने पर अब रिम्स को छोड़कर उनके निजी मेडिकल अस्पताल में भर्ती ोने की सूचना है। आम तौर पर मंत्रियो और अधिकारियो की ओर से निजी अस्पतालों और निजी स्कूलों पर ही भरोसा किया जाता है। झारखंड के शिक्षा मंत्री की स्थिति गंभीर होने पर आज सुबह उन्हें रिम्स अस्पताल से मेडिका अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। ऑक्सीजन लेवल भी 90-95 के बीच रह रहा है। गंभीर स्थिति को देखते हुए बुधवार को उन्हें एक यूनिट बी पॉजिटिव ग्रुप का प्लाज्मा भी चढ़ाया गया था। क्रिटिकल केयर कोविड आइसीयू में मंत्री जगरनाथ महतो का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ प्रदीप भट्टाचार्य ने बताया कि रिम्स में भर्ती होने के बाद से उनकी सेहत में सुधार तो हो रहा है लेकिन अभी उन्हें पूरी तरह स्वस्थ नहीं कहा जा सकता है। ऑक्सीजन लेवल में लगातार उतार चढ़ाव जारी है। आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट में उन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए कल देर शाम उन्हें एक यूनिट प्लाज्मा भी चढ़ाया गया है। इसके बाद थोड़ा सुधार देखा जा रहा है। नर्सिंग स्टाफ से लेकर सीनियर रेजिडेंट को लगातार उनकी मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया गया है। डॉ भट्टाचार्य ने कहा कि स्थिति को देखते हुए उन्हें दोबारा प्लाज्मा चढ़ाया जा सकता है।रिम्स में इलाजरत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ है। मंत्री को नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन से ऑक्सीजन लेवल के प्रेशर को और बढ़ाकर दिया जा रहा है। उनके दोनों फेफड़ों में संक्रमण है। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 84 से 90 के बीच में है। ट्रामा सेंटर के एचओडी डॉ पी भट्टाचार्य ने बताया कि मंत्री जी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। ऑक्सीजन लेवल के प्रेशर को बढ़ाया गया है। मंत्री के स्वास्थ्य में सुधार होने पर ही चेस्ट सीटी किया जाएगा।दूसरी ओर शिक्षा मंत्री के मेडिका अस्पताल में शिफ्ट होने के बाद राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठने लगा है। आखिर बड़े अधिकारी या मंत्री रिम्स छोड़ क्यों निजी अस्पताल में शिफ्ट हो रहे हैं। इससे पहले रांची जिले के सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद भी रिम्स के पेइंग वार्ड से मेडिका में भर्ती हुए थे। षिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो और रांची सिविल सर्जन बी.बी. प्रसाद के रिम्स से हटकर निजी अस्पताल मेडिका में भर्ती होने रिम्स के व्यवस्था सुधार और मेडिकल सुविधा के दावों की पोल खेालता हुआ नजर आ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *