लातेहार में भूख से हुई मौत पर अधिकारी और मंत्री के अलग -अलग बयान

Jharkhand झारखण्ड

लातेहार : केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और झारखंड की रघुवर सरकार विकास के लाख दावें करें लेकिन झारखंड में लोगों की भूख से हो रही तमौत सरकार के विकास के दावें को पूरी तरह से खोखला साबित करती हुई नजर आ रही है। झारखंड में भूख से हो रही मौत पर खाद्य आूपर्ति मंत्री सरयू राय और अधिकारियों के अलग -अलग बयान सामने आ रहे हैं। खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा है कि लातेहार जिला प्रशासन द्वारा रामचरण मुंडा की मौत के कारणों को लेकर जो प्राथमिक जांच की गयी है और जो रिपोर्ट मिली है, उससे  मैं संतुष्ट नहीं हूं. ऑफलाइन व ऑनलाइन की गड़बड़ी के कारण तीन माह से लुरगुमी में राशन नहीं बंट रहा था, यह सत्य है. कहां से  लापरवाही हुई, यह जांच का विषय है. 
कहा कि कहीं भी भूख से किसी व्यक्ति की मौत होना शर्मनाक है. इससे राज्य की  बदनामी होती है. श्री राय शनिवार को महुआडांड़ प्रखंड के लुरगुमी कला गांव में 65 वर्षीय रामचरण मुंडा की भूख जनित रोग से हुई मौत के बाद शनिवार को लातेहार पहुंचे थे. श्री राय ने कहा कि मृतक के परिजनों से बात कर उनकी सहमति से शव का पोस्टमार्टम कराया जायेगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सब स्पष्ट हो जायेगा.झारखंड के लातेहार जिले में 65 वर्षीय बुजुर्ग रामचरण मुंडा की भूख से  मौत  हो गई थी। मृतक की पत्नी चमरी देवी ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि हमें तीन महीने से राशन नहीं मिला है। पत्नी ने नम आंखों से कहा कि हमारे घर में तीन दिन से एक भी दाना नहीं है और यही वजह है कि हमारे यहां पिछले तीन दिनों से खाना नहीं बन रहा था। चमरी देवी ने बताया कि उनका पीएच राशन कार्ड है, जिसमें परिवार के तीन सदस्यों का ही नाम शामिल था। इस मामले में लातेहार के एसडीएम सुधीर कुमार ने कहा कि ये साबित नहीं हो रहा है कि भूख से मौत हुई है। इस परिवार को आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत कार्ड मिला हुआ है। इस परिवार को उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर मिला है। राशन का कार्ड और पेंशन कार्ड भी मिला हुआ है। लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के दुरुप पंचायत के लुरगुमी कला में रामचरण मुंडा की मौत हो गई थी।  ग्रामीणों ने इसकी सूचना मनरेगा के सहायता केंद्र में दे दी थी। सहायता केंद्र से पहुंची एक महिला अधिकारी अफसाना मृतक के घर पहुंचकर उनके मौत की वजह की जानकारी ली और उसके परिवार से बातचीत करके उनके घर का हालचाल जाना। 
मनरेगा सहायता केंद्र की ओर मृतक के परिवार को 50 किलोग्राम अनाज और दाह संस्कार के लिए तत्काल 2000 रुपये की मदद दी गई। महिला अधिकारी ने बताया कि वह जब रामचरण मुंडा के घर पहुंची और जानकारी ली तो मालूम चला कि घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था और तीन दिनों से घर में चूल्हा नहीं जला था। भूखे रहने के कारण रामचरण की मौत हो गई। अफसाना ने बताया कि परिजनों ने उन्हें यह जानकारी दी थी कि स्थानीय डीलर ने नेटवर्क का बहाना बनाकर तीन माह से राशन का वितरण भी नहीं किया है।
मृतक की पत्नी चमरी देवी ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि हमें तीन महीने से राशन नहीं मिला है. पत्नी ने नम आंखों से कहा कि हमारे घर में तीन दिन से एक भी दाना नहीं है और यही वजह है कि हमारे यहां पिछले तीन दिनों से खाना नहीं बन रहा था. चमरी देवी ने बताया कि उनका पीएच राशन कार्ड है, जिसमें परिवार के तीन सदस्यों का ही नाम शामिल था. 

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