लालू प्रसाद यादव बिहार विधानसभा चुनाव के पहले आ सकते हैं बाहर

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रिपेार्ट- अशोक कुमार

रांची: राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अगले साल होनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले जेल से बाहर आ सकते हैं। आज लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिलने के साथ ही राजद के समर्थकों और अन्य कानूनविदों ने यह संभावना व्यक्त की है कि अगले साल होनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले लाूल प्रसाद यादव जेल के बाहर आकर राजद की चुनावी रणनीति बना सकते हैं। अगले वर्ष बिहार विधानसभा का चुनाव होने वाला है और लालू प्रसाद के बाहर आने के साथ ही विपक्ष के हौंसले बुलंद हो सकते हैं। राजद के लिये आज का दिन बेहद ही सुखद रहा। लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में देवघर कोषागार मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए सशर्त जमानत दे दी है। राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव को चारा घोटाले के देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जमानत दे दी। कोर्ट ने आरजेडी सुप्रीमो को 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दी। साथ ही कोर्ट ने उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराने का भी आदेश दिया। हालंाकि कोट्र को लालू प्रसाद यादव की ओर से बताया गया कि उनके पास फिलहाल कोई पासपोर्ट है ही नहीं । देवघर कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि गुजर जाने को आधार बनाकर लालू की तरफ से जमानत याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने लालू यादव को 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी। देवघर मामले में जमानत को आधार मानकर लालू प्रसाद यादव अपने दो अन्य मामलों में जमानत की गुहार झारखंड हाईकोर्ट से लगायेंगंे। लालू प्रसाद यादव के जमानत मिलने के साथ ही दो अन्य मामलों चाईबासा और दुमका मामलों में भी जमानत मिल सकती है। इसे लेकर राजद के समर्थकों में काफी उत्साह दिखने लगा है। बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद को देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने साढ़े तीन साल की सजा सुनायी है। इस मामले में वह डेढ़ साल से जेल में है। करीब आधी सजा वह काट चुके हैं। लालू प्रसाद ने इसी आधार पर जमानत देने के लिए याचिका दायर की थी। आधी सजा काटने पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने कई आरोपियों को जमानत प्रदान की है। इसी को आधार बनाते हुए लालू प्रसाद ने जमानत याचिका दायर की थी। इसी मामले में सीबीआई की ओर से पहले ही एक याचिका दायर की गई है। इसमें हाईकोर्ट से साढ़े तीन साल की सजा को बढ़ाने का आग्रह किया गया है। सीबीआई का कहना है कि लालू के साथ अन्य कई आरोपियों को पांच साल की सजा सुनायी गयी है। लालू पर भी वही आरोप हैं। इस कारण उनकी सजा साढ़े तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करनी चाहिए। यह याचिका अभी हाईकोर्ट में लंबित है। हालांकि, लालू फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। क्योंकि, चारा घोटाले के तीन मामलों में वह सजायाफ्ता हैं। ऐसे में जब तक दो अन्य मामलों में भी उनको जमानत नहीं मिलती है उनका जेल से बाहर आ पाना मुमकिन नहीं है। लालू ने इसी साल 13 जून को झारखंड हाईकोर्ट में देवघर कोषागार मामले में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। 5 जुलाई को कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की और प्रार्थी को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। शुक्रवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने लालू की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया। लालू को चारा घोटाले के दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई थी। ऐसे में चाईबासा-दुमका मामले में लालू को जमानत नहीं मिली है। हालांकि, बताया जा रहा है कि अब लालू के वकील देवघर कोषागार केस में मिली जमानत को आधार बनाकर दुमका-चाईबासा मामले में जमानत के लिए याचिका डाल सकते हैं। चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख 27 की अवैध निकासी के मामले में 23 दिसंबर 2017 को लालू यादव को दोषी ठहराया था। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू को साढ़े 3 साल की सजा सुनाई थी। लालू सजा की आधी अवधि जेल में काट चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुतबिक, सजा की आधी अवधि जेल में काटने पर सजायाफ्ता को जमानत दी जा सकती है। इसी को आधार बनाकर लालू यादव ने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। चारा घोटाले से जुड़े दुमका मामले में लालू को 5 साल जबकि चाईबासा मामले में उन्हें 7 साल की सजा कोर्ट ने सुनाई थी। लालू की यह तीनों सजा एक साथ चल रही है। वह रांची जेल में सजा काट रहे हैं। लेकिन इतना तय है कि निराश लालू और लालू के समर्थकों को यह उम्मीद जगने लगी है कि लालू प्रसाद यादव अगले वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अपना जलवा दिखायेंगे।

लालू प्रसाद यादव बिहार विधानसभा चुनाव के पहले आ सकते हैं बाहर

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