रांची से अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: राजधानी रांची में लाॅकडाउन का लोग कुछ जगहों पर छोड़कर बखूबी पालन कर रहे हैं। लाॅकडाउन को लेकर जहां पहले नजरअंदाज दिखे लोग वहीं अब बखूबी पालन करते दिख रहे हें लोग। कोरोनावायरस को हराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित किया है। पहले के 2 दिनों में लोग सड़कों पर उतरने को आतुर थे, लेकिन पुलिस प्रशासन की सख्ती से उन्हें घरों में रोका गया था। लेकिन अब लोग इसे अपनी आदत में शामिल कर रहे हैं। ताकि अगले 14 अप्रैल तक उन्हें घर में रहने में परेशानी ना हो। लॉकडाउन के पांचवें दिन रविवार को इसका असर भी दिखा। आम दिनों की तरह सब्जी दुकानों पर भीड़ नहीं थी, जो लोग खरीदारी के लिए निकले भी तो वो जल्द अपने घरों में चले गए। वहीं, चैक चैराहे पर पुलिस वाहन चालकों की जांच भी कर रही है।इधर, अन्य जिलों से आकर राजधानी रांची में काम कर रहे मजदूरों का पलायन अब भी जारी है। पैसे की कमी और बसों के नहीं चलने की वजह से वो पैदल ही अपने गांव जाने को विवश दिखे। वहीं, राजधानी रांची की सड़कें सुबह से ही पूरी तरह वीरान हो गई। खुदरा किराने की दुकानों में भी इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचे। दूसरी ओर चैती छठ पूजा को लेकर भी तैयारियां तेज हैं। रविवार को खरना पूजन के लिए फल की खरीदारी करने के लिए काफी लोग डेली मार्केट मंडी में पहुंचे तो कई लोगों ने पिस्का मोड़, रातू रोड और हिनू चैक के पास लगने वाले ठेले से ही फल की खरीदारी कर ली। हालांकि सुबह 9 बजते ही पुलिस सभी चैक-चैराहों पर पूरी तरह मुस्तैद हो गई। हर वाहनों को रोककर पूछताछ की जाने लगी। इसके बाद जो लोग बिना काम के शहर में निकले थे, वह भी अपने घर वापस लौट गए। रामगढ़ के गोला में हुल्लू के ग्रामीणों ने बांस का बैरियर देकर बाहर से गांव आ रहे लोगों के आगमन पर रोक लगा दिया है। गांव के प्रवेश द्वार पर बांस का बैरियर देकर कुछ युवक पहरेदारी कर रहे हैं। गांव के लोग सिर्फ आवाजाही कर सकते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अन्य प्रदेशों से कार्य कर लौटे लोग ही वायरस को ला सकते हैं। इसलिए बिना जांच के गांव में प्रवेश वर्जित किया गया है। साथ ही शराब और जुआ पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसा करने पर पकड़े जाने के बाद पांच हजार से दस हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
