लिव इन रिलेशन में रह रहे 351 जोड़ो की करायी गयी शादी

Jharkhand झारखण्ड

 

रिपोर्टः- अशोक कुमार

 लिव इन रिलेशन में रह रहे 351 जोड़ो की करायी गयी शादी रांची: आदिवासियों के बीच लिव इन रिलेशन की परंपरा पुरानी है। हजारों परिवार बिना शादी के ही बढ़ती महंगाई के बीच रहने को मजबूर हैं। आदिवासी परिवारों में केवल हिन्दू ही नहीं बल्कि ईसाई बने आदिवासी परिवार शादी ब्याह के खर्च के कारण शादी नहीं कर सके। लेकिन अब सामाजिक संस्थायें आगे आकर आदिवासी परिवारों को एक साथ रहने के लिये लिव इन रिलेशन के बजाय अब शादी के बंधन में बांधने के लिये आगे आ रही हैं। इसी क्रम में सामाजिक और धार्मिक संस्था एमआरएस श्रीकृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट व स्वामी सदानंद प्रणामी चैरिटेबल ट्रस्ट ने संयुक्त रूप से 351 जोड़ों की शादी कराई। झारखंड की राजधानी रांची के मारवाड़ी भवन में आयोजित सामूहिक आदर्श विवाह समारोह में जोड़े ऐसे हैं, जो वर्षों से लिव इन रिलेशन में रह रहे थे। इनमें सात दुल्हनें गर्भवती भी थीं। इन सातो ंदुल्हनों को दुल्हों ने शादी करने के भरोसे देकर पारिवारिक बंधन में बांध रखा था। लेकिन जब सामाजिक संस्थायें इन जोड़ों के लिये आगे बंढ़कर हाथ बढ़ाया तो आदिवासी परिवार तैयार नहीं हुए लेकिन काफी समझााने बुझाने के बाद वो शादी के लिये तैयार हुए। झारखंड में गरीबी के कारण आदिवासी और पिछड़ी जातियों के लोग समय पर अपनी बच्चियों की शादी नहीं कर पाते। इस कारण हजारों युवक-युवतियां लिव इन रिलेशन में रहने को मजबूर हैं। हजारों युवतियों की शादी की उम्र इसी कारण खत्म हो जाती हैं। इन जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए स्वामी सदानंद प्रणामी चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी सदानंद प्रणामी विवाह समारोह में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति बची रहे और बाहरी शक्तियां इनका नाजायज फायदा न उठाएं, इसके लिए ऐसे प्रयास जरूरी हैं। और इसीलिए मैंने इनकी शादी कराने का बीड़ा उठाया है।

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