विधायिका की गरिमा तार-तार करने के लिए पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगे : सत्येंद्र नाथ तिवारी

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मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
गढ़वा/रांची : पूर्व विधायक सत्येन्द्र नाथ तिवारी ने फिर से पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर लगाये आरोप के साथ मुस्तैदी से खड़े हैं। गढ़वा रंका विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं भाजपा झारखंड प्रदेश के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि जैसा कि समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि मेरे द्वारा पत्रकार वार्ता कर गढ़वा में हो रहे अवैध बालू उत्खनन, निविदा में दादागिरी एवं हिंदी भाषा को कर्मचारी चयन आयोग से हटाए जाने इत्यादि के वक्तव्य से मिथलेश ठाकुर के अधिवक्ता के अनुसार मानहानि हुई है। मैं अपने दिए वक्तव्य पर शत प्रतिशत कायम हूं।

पूर्व विधायक ने अपनी बातों की मजबूती से पुनरावृति करते हुए कहा कि यह जगजाहिर है कि एनजीटी के प्रतिबंध के बाद भी लाखों ट्रक बालू पेयजल मंत्री मिथलेश ठाकुर के आदेश से बाहर के प्रदेशों में भेजा गया जिसमें मिथलेश ठाकुर एवं उनके तहसीलदार चहेते झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला अध्यक्ष एवं बीस सूत्री उपाध्यक्ष का ऑडियो/वीडियो भी उपलब्ध है। पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि जब से गढ़वा में मिथलेश ठाकुर विधायक बने हैं, तबसे कोई भी आम ठेकेदारों के लिए बिना भैया जी के भाई के परमिशन लिए बिना संविदा में भाग लेना संभव नहीं है। जिस किसी भी संवेदक को भाग लेना है वो भैया जी के भाई के पास अग्रिम 7 प्रतिशत राशि जमा करने के बाद ही संविदा में भाग ले सकता है। यह बात सैकड़ों संवेदकों को पता है एवं जगजाहिर है। सत्येंद्र नाथ तिवार ने कहा कि यह बात सही नहीं है कि करीब 6 महीना पहले द्वारा हिंदी, भोजपुरी मगही एवं अंगिका भाषा को जेएसएससी की भाषा सूची से हटाने की वकालत/सहमति विधानसभा एवं कैबिनेट की बैठक में दी गई थी। पुनः गढ़वा आगमन पर यहां के नौजवान मिथलेश ठाकुर से मिलकर उपरोक्त भाषा को नहीं जोड़ने से अपने भविष्य की चिंता करते हुए निवेदन किया कि कृपया गढ़वा के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए। जवाब में भैया जी ने प्रेस मीडिया के माध्यम से नौजवानों को हिंदी, भोजपुरी, मगही एवं अंगिका भाषा को जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजने एवं उपरोक्त भाषाओं को सम्मिलित कराने का झूठा दिलासा देने का काम किया गया। आज भी गढ़वा के नौजवान हताश निराश हैं एवं यह जानना चाहते हैं कि अभी तक उस पत्र के आलोक में क्या कार्रवाई हुई?

पूर्व विधायक ने कहा कि क्या यह बात सही नहीं है कि मृतक दरोगा लालजी यादव की संदेहास्पद मौत के बाद समाजसेवी अनुरंजन अशोक द्वारा बालू के खेल में मंत्री के भाई एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों की संलिप्तता की जांच सीबीआई से कराने के बाबत हाई कोर्ट में रिट/ जनहित याचिका दायर किया गया है। जिसके बाद अनुरंजन अशोक को पुनः 2/1/ 2022 को खुद को भैया जी का आदमी बताकर याचिका वापस लेने के लिए दबाव दिया गया एवं याचिका वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी दी गई। इससे संबंधित मामला भी 22/1/ 2022 को पुनदाग ओपी में रजिस्टर्ड है। जिसमें स्पष्ट रूप से भैया जी समेत अन्य को भी पार्टी बनाया गया है। पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी जी ने बिंदुवार मजबूती से अपनी बात कही है एवं अपने द्वारा कही हर बात पर अडिग हैं। साथ ही उन्होंने विधायिका की गरिमा गिराने के लिए मंत्री मिथिलेश ठाकुर से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है।

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