मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची : भाजपा के नेताओं को जब भी जेएमएम को घेरने की जरूरत होती है, तो वह रवि केजरीवाल एंड एसोसिएट्स का नाम लेती है। झामुमो के लिये परेशानी का सबब बन चुके कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल को झामुमो ने पद से हटाकर अपनी परेशानी को समाप्त करने का प्रयास किया है। यह वहीं रवि केजरीवाल है जिनपर भाजपा नेताओं ने शले कंपनियों का निर्माण करने का गंभीर आरोप लगाया था। राजनीति के जानकारों के अनुसार, हमेशा ही सवाल उठता है कि आखिर ये रवि केजरीवाल है कौन ? क्या काम करता है ? जेएमएम से इसका क्या नाता-रिश्ता है ? रवि केजरीवाल के बड़े चाचा प्रयाग केजरीवाल की वजह से ही रवि केजरीवाल के संबंध शिबू सोरेन के परिवार से बने। प्रयाग केजरीवाल, शिबू सोरेन के काफी करीबी हो गए थे। जिस तरह के आरोप अभी रवि केजरीवाल पर लग रहे हैं, ठीक वैसे ही फंड रेजिंग का आरोप रवि केजरीवाल के चाचा प्रयाग केजरीवाल पर भी लगते थे। सोरेन परिवार से नजदीकियों की वजह से केजरीवाल परिवार की हालत सुधरी।
जिस समय शिबू सोरेन अपने चरम पर थे. केजरीवाल परिवार को परिवार के पास पैसा बनाने से लेकर पैसा खपाने तक का जिम्मा था। ऐसा आरोप शिबू सोरेन के राजनीतिक प्रतिद्वंदी लगाते रहे हैं। रवि केजरीवाल उस वक्त झारखंड में जमीन का कारोबार में उतरा. जरूरतमंदों को पैसा देकर उसकी जमीन अपने नाम करवाने का काम परिवार ने शुरू किया। इसी दौरान रवि केजरीवाल के परिवार के करीबी मनोहर पाल, शिबू सोरेन के आप्त सचिव बने। इनके आप्त सचिव बनने के बाद कहा जाने लगा कि सोरेन परिवार राजनीति करती थी और बाकी का सारा काम प्रयाग केजरीवाल और मनोहर पाल के जिम्मे था। उसके बाद मनोहर पाल ने अपना कारोबार शुरू कर लिया। स्टील की दुनिया में मनोहर पाल उतरे और अब स्मृद्धि स्टील के मालिक बन चुके हें। मनोहर पाल ने करोड़ों की लागत से दिल्ली में एक फ्लाइंग क्लब खोला है। फिलहाल रवि केजरीवाल ही ऐसे व्यक्ति थे जिन्हानें 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के लिये फंड जुटाने का काम करते थे। लेकिन अब रवि केजरीवाल की हो रही बदनामी और झामुमो को हो रही परेशानी के कारण ही रवि केजरीवाल को कोषाध्यक्ष के पद से मुक्त करके झामुमो के कार्यकारी अघ्यक्ष हेमंत सोरेन की ओर से अपनी और झामुमो की छवि बेहतर करने का प्रयास कहा जा सकता है।
