वीआईपी के लिये कोई ट्रैफिक कानून नहीं, इसका एहसास हुआ सांसद महेश पोद्दार को

Jharkhand झारखण्ड

रांची : कानून का डंडा केवल गरीबों और आम लोगो पर ही चलता है। अमीरों और वीआईपी पर कोई ट्रैफिक कानन नहीं लागू होता है। इस बात का एहसास अब बीजेपी के सांसदों को भी होने लगा है। राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने ट्वीट कर नये ट्रैफिक रूल्स पर अपना अनुभव साझा किया है. उन्होंने लिखा है कि शुक्रवार को न्यू मार्केट चौराहे पर हूटर बजाती हुई तीन वीआइपी गाड़ियां बायीं ओर से ओवरटेक करते हुए गुजरीं. चौराहे पर बस थोड़ा ठिठकी. फिर पूरी रफ्तार के साथ आगे बढ़ गयी, जबकि सिग्नल रुकने का था।

इसमें आत्मचिंतन की जरूरत है. वीआइपी वाहनों में ड्राइवर की बगल में या तो साहब बैठते हैं या फिर सुरक्षाकर्मी. यातायात प्रशासन वीआइपी गाड़ियों में आगे बैठनेवालों को प्रेरित करें कि उन्हें आम लोगों से कैसे पेश आना चाहिए. उन्हें पता हो कि उनके द्वारा ट्रैफिक रूल्स के वॉयलेशन पर आम आदमी की क्या प्रतिक्रिया होती है.

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार कई सरकारी गाड़ियों का इंश्‍योरेंस नहीं कराया जाता है. कई सरकारी गाड़ियों के पास तो फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं हैं. इतना ही नहीं, सरकारी बाबु जिन गाड़ियों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं उनमें कई गाड़ियों का तो रजिस्‍ट्रेशन भी नहीं हुआ है.

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