मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: समाज कल्याण विभाग के निदेशक छवि रंजन की मुश्किलें काफी बढ़ने वाली है। ईडी के अधिकारियों ने गुरुवार को छापेमारी के दौरान उनके आवास पर पूछताछ की। कई घंटे पूछताछ के बाद शाम आठ बजे उन्हें छोड़ा गया। अब ईडी के अधिकारी उन्हें समन भेजकर प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय बुलाकर पूछताछ करेगी। प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार देर रात भारतीय सेना भूमि घोटाले के सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार संदिग्धों में प्रदीप बागची, भानु प्रताप, अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम शामिल हैं। रांची में भूमि घोटाले में झारखंड की आईएएस अधिकारी छवि रंजन से जुड़े 22 ठिकानों पर गुरुवार से छापामारी शुरू हुई। ईडी की छापेमारी शुक्रवार को भी जारी रहेगी।
आईएएस छवि रंजन का विवादों से पुराना नाता रहा है। 2015 में कोडरमा उपायुक्त रहने के दौरान मरकच्चो जिला परिषद डाक बंगला परिसर में लगे पेड़ों का काटने के मामले में भी उनपर आरोप लगा था। यह मामला विधानसभा में उठा था, जिसके बाद राज्य सरकार ने उनका तबादला कर दिया। वहीं हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने भी इन पर धमकी देने का आरोप लगाया था। वहीं झारखंड विधानसभा में बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने एक बार छवि रंजन पर हथियार का लाइसेंस देने के लिए पैसा मांगने का आरोप लगाया था। इस पर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ था। आईएएस छवि रंजन पर रांची के उपायुक्त रहने के दौरान जमीन दलालों और माफिया से मिलीभगत का भी आरोप लगा था।
बीजेपी विधायक सी.पी. सिंह ने छविरंजन के आवास पर ईडी की छापेमारी के बाद उनको काफी भ्रष्ट अधिकारी करार दिया है। छवि रंजन का पारिवारिक जीवन भी काफी उथल-पुथल रहा। छवि रंजन के कुछ निर्णय से उनके माता-पिता भी बेहद नाराज थे। जिसके कारण दो महीने पहले ही जमशेदपुर स्थित फ्लैट को छोड़ कर उनके माता-पिता कहीं दूसरी जगह चले गए थे। इसके बाद छवि रंजन ने फ्लैट से सारा सामान खाली कर दिया था। बताया जा रहा है कि 8 से 10 बैग में सामान भरकर वे साथ ले गए थे। यह भी कहा जा रहा कि ईडी की रेड की आशंका उन्हें पहले से रही होगी। इसलिए सारा सामान जमशेदपुर स्थित फ्लैट से हटा लिया। छविरंजन की नौकरशाही में भी अच्छी छवि नहीं है और उनको पैसे के लेनदेन के लिये ही जाना जाता है।
