सांच को कोई आंच नहीं – पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास

Jharkhand झारखण्ड

रिपोर्टः- अशोक कुमार
रांची: झारखंड में उद्योग लगाने के लिये उद्योगपतियों को लुभाने के लिये मोमेंटम झारखंड का आयोजन भव्य तरीके से किश्या गया था। लेकिन तब उस समय के मुख्यमंत्री रघुवर दास और मुख्य सचिव रही राजबाला वर्मा ने यह नहंी सोचा था कि मोमंेटम झारखंड उनके लिये गले की फांस बन जायेगा। मोमेंटम झारखंड के नाम पर 100 करोड़ रुपए का दुरुपयोग और सरकारी राशि की हेराफेरी के आरोप में एसीबी से शिकायत के बाद पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा है कि सांच को कोई आंच नहीं। शुक्रवार को जस्टिस एलपीएन शाहदेव की पुण्यतिथि के मौके पर मीडिया से बातचीत में रघुवर ने स्पष्ट कहा कि मोमेंटम झारखंड में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि पूरा मोमेंटम झारखंड कार्यक्रम पारदर्शी ढंग से हुआ। कई कंपनियों ने झारखंड में निवेश किया है, इससे बड़ी संख्या में झारखंड के बच्चे-बच्चियों को रोजगार मिला है। शिकायत कोई भी किसी की कर सकता है। अब सरकार उनकी है, जांच करा लें। यह आयोजन पारदर्शी ढंग से हुआ है। सांच को आंच क्या? सरकार उनकी है कोई भी जांच करा लें। गुरुवार को याचिकाकर्ता पंकज कुमार यादव ने एसीबी से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और सीएम के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल सहित कई अफसरों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। गड़बड़ियों से संबंधित दस्तावेज भी एसीबी को सौंपे हैं। पंकज ने बताया कि इससे पहले दीवान इंद्रनील सिन्हा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को एसीबी में शिकायत दर्ज कराने को कहा था। शिकायत में आरोप है कि मोमेंटम झारखंड का शुरुआती बजट सिर्फ 8.5 करोड़ का था, जिसे बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए कर दिया गया। इन्वेस्टर्स को बुलाने के नाम पर लंदन, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका सहित कई शहरों में रोड शो किया गया। इसके नाम पर सीएम के बेटे और अन्य लोगों ने सैर-सपाटे किए। महज 39 दिन पहले रजिस्टर्ड हुई एक लाख रुपए पूंजी वाली कंपनी से औद्योगिक पार्क बनाने के लिए 1500 करोड़ का करार किया गया। लैंड बैंक की जमीन फर्जी कंपनियों में बांटी गई। सस्ती जमीन और सस्ते श्रमिक का लालच देकर इन्वेस्टर्स को बुलाया गया। चार्टर्ड विमान पर भी 1.25 करोड़ रुपए खर्च किए गए। पंकज ने कहा कि उस समय मंत्री सरयू राय ने भी इस पर आपत्ति जताई थी और ऐसे आयोजन को गलत बताया था। पूर्व सीएम रघुवर दास, तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, तत्कालीन उद्योग निदेशक के रविकुमार, कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के संजय कुमार, मुख्य मंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, सीएम के तत्कालीन ओएसडी व अन्य। इन पर धारा 406, 409, 467, 468, 469, 471, 120 बी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13 के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। शिकायत के बाद अब एसीबी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट के आधार पर डीआईजी स्तर के अधिकारी प्रारंभिक जांच करेंगे। जांच में एक महीने का समय लग सकता है। इसमें तथ्य पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। पूर्व की रघुवर दास के सरकार के कार्यकाल में पहला मोमेंटम झारखंड का आगाज साल 2017 फरवरी में रांची में हुआ था, जिसमें तीन लाख करोड़ के निवेश के लिए विभिन्न देशी-विदेशी कंपनियों के साथ एग्रीमेंट किए गए थे। उसके बाद दूसरा और तीसरा मोमेंटम झारखंड का आयोजन लौह नगरी जमशेदपुर और बोकारो में आयोजित किया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि मोमेंटम झारखंड से राज्य का नाम विश्वपटल पर ऊंचा हुआ है। इसके माध्यम से देश-दुनिया के निवेशकों ने यह जाना कि झारखंड निवेश के लिए कितना अनुकूल है। यहां सरकार, संसाधन और आधारभूत संरचना की स्थिति कितनी अच्छी है। बता दें कि गुरुवार को मोमेंटम झारखंड में हुए घोटाले को लेकर एसीबी में शिकायत दर्ज कराई गई है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, सरकार के तत्कालीन प्रधान सचिव संजय कुमार, उद्योग निदेशक के रविकुमार, सीआइआइ के राहुल सिंह और तत्कालीन ओएसडी सुनील कुमार वर्णवाल का नाम शामिल है। इधर झारखंड के पूर्व न्यायाधीश व झारखंड आंदोलनकारी रहे एलपीएन शाहदेव की पुण्यतिथि पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन में जस्टिस शाहदेव का योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने हमेशा झारखंड और झारखंडवासियों की भलाई के लिए ही काम किया।

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