
मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची: बंग्लादेश के बाद कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब भारत में भी कई संगठनों के लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। बंग्लादेश में आरक्षण के विरोध में काफी विकराल और उग्र ओदोलन की शुरूआत हुई थी जिसके बाद देश में सत्ता परिवर्तन तक हो गया। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के दर्जनों संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त 24 को 6-1 से दिया गया न्यायादेश के आलोक में 21 अगस्त 24 को विभिन्न संगठनों की ओर से भारत बंद के समर्थन में प्रेस क्लब रांची में एएसी/एसटी/ओबीसी से वर्ग के दर्जनों संगठन के लोगों ने प्रेस वार्ता कर भारत बंद में शांतिपूर्वक, अहिंसनात्मक एवं संविधानीक रूप से बंद में शामिल होने का निर्णय लिया है। बंद में एंबुलेंस, दूध, अस्पताल आदि सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है । इसके साथ ही लोगों ने सभी दुकानदार बांधुओं, झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स, झारखंड बस यूनियन ,टेंपो यूनियन, सहित सभी से आग्रह किया कि आप सभी बंद के समर्थन में अपने-अपने प्रतिष्ठान एवं वाहन संचालित बंद कर भारत बंद के समर्थन करें। राजनीतिक दलों से अनुसूचित जाति ,जनजाति वर्ग के लोगों ने अनुरोध करते हुए कहा कि संविधान में कहीं भी वर्गीकरण या क्रीमी लेयर की बात नहीं कही गई है संविधान में अनुच्छेद 14, 15, 16 ,341 और 342 से असमानता ,शिक्षा को लेकर आरक्षण की व्यवस्था की गई है कोई गरीबी उन्मूलन के लिए नहीं लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री परिषद की बैठक में लिया गया निर्णय स्वागत योग है लेकिन सरकार मा0 सुप्रीम कोर्ट के न्ययादेश पर अध्यादेश लाकर एससी,एसटी और ओबीसी के हितों को रक्षा करें।
साथ ही इन वर्गों के लोगों ने प्रेस के माध्यम से
निम्न मांग रखा
(1)सभी उच्च न्यायालयों तथा उच्चतम न्यायालय में आजादी से लेकर अब तक एससी/ एसटी /ओबीसी का प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर रहा है । सरकार अभिलंब कोलेजियम सिस्टम समाप्त कर संघीय न्यायिक सेवा आयोग का गठन कर इसके अधीन 50 प्रतिशत आरक्षित पदों पर एससी, एसटी उऔर ओबीसी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करें
(2)देश में यथाशीघ्र जातीय जनगणना हो ।
(3)एससी, एसटी और ओबीसी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित आरक्षण प्रतिशत के अधीन लगभग एक तिहाई से ज्यादा खाली पङी रिक्तियों को अविलंब भर्ती करें और प्रोन्नति बिल यथाशीघ्र पारित हो।
भारत बंद में निम्न संगठनों ने उपस्थित होकर अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा, अनुसूचित जाति सामान्य समिति ,बीएसएसडब्ल्यूएसी सोसाइटी धुर्वा, समता सैनिक दल शहीद जगदेव वेलफेयर सोसाइटी पासी महासभा, वाल्मीकि महासभा पासवान कल्याण समिति, अखिल भारतीय धोबी महासंघ ,संत गाडगे संस्थान, अखिल भारतीय भुईयां महासभा, झारखंड राज्य घासी समाज भीम आर्मी ,नायक कल्याण समिति ,एससी एसटी ओबीसी पुलिस यूनिट, डॉक्टर अंबेडकर चेतना मंच, मूलवासी संघ छात्र संघ आदि संगठनों ने समर्थन जताया है।
