सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों को दी राहत, अंतिम सुनवाई होने तक नियुक्ति में किसी तरह की फेरबदल नहीं- सुप्रीम कोर्ट

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मुखर संवाद के लिये शिवांगी यादव की रिपोर्टः-
नयी दिल्ली: जहां झारखंड हाईकोट्र ने शिक्षकों की नियुक्ति प्रकिया पर सवाल उठाते हुए 18000 शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने उनको राहत देते हुए उनकी नियुक्ति पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करने के आदेश दिये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 13 अधिसूचित जिलों के शिक्षकों को अंतरिम राहत प्रदान की है। अदालत ने उनकी नियुक्ति को रद करने वाले हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार, जेएसएससी सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। झारखंड हाई कोर्ट की वृहद कोर्ट ने नियोजन नीति पर सुनवाई करते हुए 13 जिलों की नियुक्ति को रद कर दिया था। इसके खिलाफ शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में मंगलवार को हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान झारखंड कर्मचारी चयन आयोग जवाब के बाद अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दिया। इस संबंध में विष्णुजीत वर्मा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।याचिका में गैर अधिसूचित जिलों में हो रही शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का परिणाम जारी करने की मांग की गई थी। इस पर जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने अदालत को बताया कि सोनी कुमारी मामले में वृहद कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि गैर अधिसूचित जिलों में होने वाली नियुक्ति पर कोई रोक नहीं है। इन जिलों की नियुक्ति जारी रहेगी। ऐसे में अब जल्द ही परीक्षा परिणाम जारी किया जाएगा। जेएसएससी के जवाब के बाद अदालत ने उक्त याचिका को निष्पादित कर दिया।झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में मंगलवार को माडल पेपर से जुड़े एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अपील याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से कहा गया कि इस मामले में अपील दाखिल करने वाले दस प्रार्थियों में से आठ अधिसूचित जिले से संबंधित हैं, जबकि दो गैर अधिसूचित जिले के हैं। ऐसे में इस याचिका में संशोधन करना होगा। अदालत ने सहमति जताते हुए इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की। इस संबंध में प्रेम रंजन सहित अन्य ने एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए ली गई परीक्षा के माडल पेपर में कई प्रश्न गलत थे।

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