स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का बाबूलाल मरांडी पर तंज बाबूलाल मरांडी को आईना देखना चाहिए ,कोरोना में गंगा में लाशें तैर रही थीं, तब थे कहां ?

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मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बयानों पर कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि झूठी बयानबाज़ी और खोखली राजनीति से झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था का मज़ाक न उड़ाएं। डॉ. अंसारी ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के पास ना कोई ठोस तथ्य है, ना समाधान की नीयत।
डॉ. अंसारी ने कहा कि बाबूलाल मरांडी जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की ओर देखने की भी ज़हमत नहीं उठाई। उनके कार्यकाल में झारखंड के अस्पताल सिर्फ नाम के रह गए थे। आज जब सरकार दिन-रात मेहनत कर बदलाव ला रही है, तो इनको तकलीफ हो रही है। मेरे कार्यकाल में झारखंड के स्वास्थ्य तंत्र ने जितनी ऊंचाई छुई है, उतनी पिछले 20 वर्षों में नहीं हुई। मंत्री ने साफ किया कि एम्बुलेंस कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर एनएचएम और सेवा प्रदाता एजेंसी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।सरकार बातचीत के ज़रिए समाधान की दिशा में बढ़ रही है। त्रिपक्षीय समझौते का क्रियान्वयन प्राथमिकता में है।कर्मचारियों को समय पर वेतन और स्थायीत्व मिले, इसके लिए नीति बनाई जा रही है। भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी और ठेकेदार-मुक्त किया जाएगा।

’डॉ. अंसारी ने कहा कि उन्हें मंत्री पद का नहीं, जनता के जीवन की जिम्मेदारी का अहसास है। भाजपा के शासनकाल में जिस स्वास्थ्य व्यवस्था को गर्त में डाला गया, आज उसे आईसीयू से निकालकर रिकवरी रूम तक लाया गया है।’
डॉ. अंसारी ने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा, कि ‘कोरोना काल में जब लाखों लोग ऑक्सीजन के बिना तड़प-तड़प कर मरे, तब केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह विफल रही।‘ ’तब न दवा थी, न इलाज था, न संवेदना थी कृ सिर्फ़ शवों की कतारें और गंगा में तैरती लाशें थीं। बाबूलाल जी तब मौन थे, क्योंकि सवाल उनकी पार्टी से था। आज जब झारखंड में सुधार हो रहा है, तो इनकी नींद खुली है।‘

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