हेमंत सरकार लाॅकडाउन में भी मजदूरों और छात्रों के प्रति गंभीर नहीं: अन्नपूर्णा देवी

Jharkhand झारखण्ड

मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्ट:-
रांची: झारखण्ड की हेमंत सरकार राज्य से बाहर फंसे मजदूरों, कामगारों और छात्रों के प्रति गंभीर नहीं है। सरकार का समय कोरोना महामारी से निपटने से ज्यादा आरोप-प्रत्यारोप में बीत रहा है। झारखण्ड के नौ लाख से ज्यादा मजदूर दुसरे प्रदेश में फंसे हुए हैं। जबकि राज्य से बाहर हमारे झारखंड के भविष्य के रूप होनहार छात्र दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। उनतक कोई सुविधा सरकार की तरफ से मुहैया नहीं कराई गयी है। ये बातें कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी ने अपने उपवास कार्यक्रम के बाद कही हैं। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र की सांसद अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को प्रवासी झारखंडी मजदूरों, कामगारों और छात्रों के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रवैये के विरोध में रांची स्थित आवास पर एक दिवसीय उपवास रखा।
सांसद अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि कहा है कि राज्य सरकार ने मजदूरों के लिए एक ऐप जारी किया लेकिन वह ऐप खुलता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मुखिया से लेकर मंत्री तक सिर्फ केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने झारखण्ड को हर तरह से सुविधा मुहैया कराई है। केंद्र सरकार की तरफ से झारखण्ड को अबतक लगभग 2500 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गयी है। केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के तहत 1525 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 232 करोड़, प्रधानमंत्री जन धन योजना में 356 करोड़, उज्जवला लाभुकों के लिए 235 करोड़ रुपये, पेंशन आदि के लिए 65 करोड़ रुपये झारखण्ड सरकार को प्रदान की गयी है। इतना ही नहीं एक लाख 31 हजार 850 मैट्रिक टन खाद्य सामग्री, 5711 मैट्रिक टन दाल की आपूर्ति झारखण्ड को केंद्र की तरफ से की गयी है। नौ लाख 38 हजार लाभुकों के बीच रिलीफ फूड का वितरण किया गया है। इसके बाद भी राज्य सरकार में बैठे लोग केंद्र पर अंगुली उठा रहे हैं।
सांसद ने कहा है कि जब से लॉक डाउन हुआ है उन्होंने राज्य सरकार ने नोडल पदाधिकारियों को लगभग 16 हजार प्रवासी झारखंडी मजदूरों की सूची उपलब्ध कराई है लेकिन किसी को कोई सहायता नहीं मिली। एक सप्ताह पहले उन्होंने सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर जो सात हजार से ज्यादा राहत कैम्प विभिन्न राज्यों में चलाने का दावा झारखण्ड सरकार के द्वारा किया जा रहा है, उसकी सूची मांगी थी लेकिन आजतक उसे उपलब्ध नहीं कराया गया।
अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि उन्होंने दूसरे राज्यों में कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के मजदूरों को जो लाॅकडाउन की स्थिति में गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं उनको दूसरे राज्यों के सांसदों से व्यक्तिगत पहल कराकर मदद दिलाने का काम कराया है। सांसद ने गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र , पंजाब और अन्य प्रदेशों में सांसदों और स्थानीय प्रशासन से आग्रह कर बेबस मजदूरों और छात्रों को आवश्यक सहायता दिलाने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि झारखण्ड सरकार को अपने पडोसी राज्यों से सिख लेनी चाहिये कि किस तरह से उत्तरप्रदेश और बिहार की सरकार अपने-अपने प्रदेशों के लोगों के लिए काम कर रही है। छात्रों को भी यहाँ की सरकार कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की ही सरकार है, वहां की सरकार से छात्रों को वापस लाने के लिए एक बार भी झारखण्ड सरकार ने बात तक करने की जहमत नहीं उठायी। इसपर भी केंद्र को दोषी ठहराकर पल्ला झाड़ रही है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि इस वैश्विक महामारी के समय दलगत राजनीति को छोड़कर जनहित को सर्वोपरि रखकर काम करे।

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