हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल को लेकर कांग्रेस में किचकिच, कां्रगेसी तय नहीं कर पा रहे हैं मंत्री पद

Jharkhand झारखण्ड

रांची से अशोक कुमार की रिपोर्टः-

रांची: हेमत सोरेन की सरकार के लिये झारखंड की जनता ने जबरदस्त जनादेश देकर यह जाहिर कर दिया है कि जनता के आगे किसी की नहीं चलती है। सभी नारे और सभी दावे फुर्र हो जाते हैं। लेकिन मंत्रिमंडील गठन को लेकर जब कांग्रेस और झामुमो के प्रमुख नेताओं की बारी जब आयी तो किचकिच शुरू हो गयी है। हालांकि गठबंधन को लेकर सभी ने न्याय किया है और इसमें सबसे अधिक प्रमुखता लालू प्रसाद यादव को मिली है। लालू प्रसाद यादव ने अपने कोटे के मंत्री  सत्यानंद भोक्ता को शपथ दिलाकर यह जता दिया है कि हेमंत सोरेन सरकार में उनकी तरफ से सबकुछ ठीक ठाक है।  लेकिन हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस के हिस्से के मंत्री पद को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। मंत्री बनने को लेकर कां्रगेस विधायक और उनके समर्थक जबर्दस्त लॉबिंग में लगे हुए हैं। कांग्रेस के भीतर नए और पुराने विधायक अपने आप को मंत्री बनाने की जुगाड़ लगा रहे हैं। हंमेत सरकार में कांग्रेस के दो कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम और डॉ. रामेश्वर उरांव ने शपथ ले ली है। नजदीकी सूत्रों के अनुसार  कांग्रेस के कोटे से तीन और मंत्री बनेंगे। कांग्रेस से जो मंत्री बने हैं, उसमें एक दक्षिण छोटानागपुर और दूसरे संथालपरगना प्रमंडल के हैं। एक मंत्री अल्पसंख्यक और दूसरा मंत्री अनुसूचित जनजाति समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं।  अब तीन बचे हए मंत्रियों को लेकर क्षेत्रीयता और जातीय समीकरण को ध्यान में रखने की बात भी हो रही है। हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल के कुल चार में एक भी महिला नहीं है। कांग्रेस कोटे से जीतकर आईं चार महिलाओं में से एक महिला को मंत्रिमंडल में शामिल करने की पूरी संभावना है। ऐसे में महिला विधायकों की भी लॉबिंग हो रही है। चारों महिलाएं दीपिका पांडेय, अंबा प्रसाद, ममता देवी और पूर्णिमा सिंह पहली बार विधायक बनी हैं। कांग्रेस को अब यह चुनाव करना है कि क्षेत्र और जातीय आधार पर महिला कोटे के मंत्री को शामिल किया जाए या फिर पार्टी में लंबे समय से अपनी भूमिका निभाने वाली महिला को तरजीह दी जाए। कांग्रेस की ओर मंत्री पद की सशख्त दावेदार दीपिका पांडे सिंह है जो लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति कर रही है। पिछली कांग्रेस कमेटी में दीपिका पांडे सिंह गोड्डा की जिलाध्यक्ष भी रह चुकी है और कई आंदोलनों में कां्रगेस की ओर से सक्रियता दिखायी है। दीपिका पांडे सिंह महगामा से कई बार के विधायक अशोक भगत को पराजित करके आयी है और कांग्रेस आलाकमान के साथ उनकी नजदीकियां जगजाहिर है। दीपिका कांग्रेस आलाकमान के सीधे संपर्क में है तो वहीं दीपिका के मुकाबले तीन अन्य महिला विधायकों को राजनीति का उतना अनुभव भी नहीं है।कांग्रेस के भीतर इन सबको लेकर मंथन चल रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव और प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह से बातचीत के बाद ही आलाकमान इस पर अंतिम निर्णय लेगा।
बेरमो के विधायक राजेंद्र सिंह और पश्चिम जमशेदुपर से विधायक बन्ना गुप्ता भी रेस में शामिल हैं। कोलेबिरा के विधायक विक्सल कोंगाड़ी,जरमुंडीके विधायक  बादल पत्रलेख और जामताड़ा के विधायक डॉ. इरफान अंसारी दूसरी बार जीत कर सदन पहुंचे हैं। पुरुष मंत्री के लिए लाइन में दो पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह और बन्ना गुप्ता भी लगे हुए हैं। तीन विधायक ऐसे हैं जो लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार दिल्ली में प्रदेश प्रभारी आर.पी.एन. सिंह नौ या दस जनवरी को पार्टी आलाकमान के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक के बाद ही मंत्री कोटे के लिए कांग्रेस विधायकों के नाम तय किए जा सकते हैं। दिल्ली से सूची तय होते ही राज्य मंत्रिमंडल में विस्तार होने की संभावना है।

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