हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में भाजपा रूझानों में आगे, सत्तारूढ़ टीआरएस को भाजपा दे रही कड़ा मुकाबला

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हैदराबाद से मुखर संवाद ब्यूरो रिपोर्टः-
हैदराबाद: काफी चर्चित रहा हैदराबाद नगर निगम चुनावों को लेकर मतगणना जारी है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। शुरुआत में किसी ने यह कल्‍पना नहीं की थी कि भाजपा यहां इतना अच्‍छा परफॉर्म कर पाएगी। यहां तक कि एग्जिट पोल में भी टीआरएस को ही बढ़त दिखाई गई थी। लेकिन भाजपा को कहीं न कहीं कोई उम्‍मीद नजर आ रही थी, इसलिए पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। भारतीय जनता पार्टी की ओर से अमित शाह समेत कई बड़े नेताओं को प्रचार में उतरा था। भाजपा के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भूपेन्द्र यादव ने अपनी पूरी ताकत हैदराबाद में झोंक दी थी। भाजपा की यह बढ़त यह भी दर्शाती है कि अगर ग्राउंड लेवल पर काम किया जाए, तो उसका परिणाम हमेशा सकारात्‍मक ही आता है। शुरुआत रुझानों में बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी 50 सीटों पर आगे चल रही है जबकि, सत्तारूढ़ टीआरएस 27 सीटों पर आगे है। इसके अलावा एआइएमआइएम के पाले में एक सीट आ चुकी है और 11 पर बढ़त बनाए हुए है। इसके अलावा कांग्रेस सिर्फ एक ही सीट पर आगे चल रही है। नगर निगम चुनावों को लेकर सबकी निगाहें इस वक्त नतीजों पर टिकी हैं। भले ही यह चुनाव नगर निगम का हो लेकिन जितने जोश के साथ भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार किया है, उसके बाद मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए हाईप्रोफाइल नेताओं को मैदान में उतारा। गृह मंत्री अमित शाह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या और देवेंद्र फडणवीस जैसे हाईप्रोफाइल नेताओं ने भी चुनाव प्रचार किया। पार्टी ने इन चुनावों के लिेए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस बार ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में मतपत्रों का उपयोग किया गया था। वहीं कोरोना महामारी के चलते इस बार सिर्फ 35 फीसद ही मतदान हुआ। इन चुनावों में कुल 74 लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें 38,89,637 पुरुष वोटर और 35,76,941 महिला वोटर शामिल हैं। गौरतलब है कि इस बार चुनाव में, सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति , भारतीय जनता पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम पार्टी मैदान में हैं।भाजपा कर्नाटक के अलावा अब दक्षिण के अन्य राज्यों में भी पैठ बनाने जा रही है। खास बात यह है कि ये इलाके मुस्लिम बहुल और गैर हिंदी हैं।

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