मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची : 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति और पिछड़ो को 27 प्रतिषत आरक्षण देने के प्रस्ताव को जनता के बीच भूनाने के लिये झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से केन्द्रीय समिति की बैइक में आह्वान किया जायेगा। वोट बैंक बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहे झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अब घ्झामुमो के नेताओं लगायेंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय समिति की विस्तारित बैठक सात अक्टूबर को रांची के सोहराय भवन में होगी। इस बैठक में राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों पर विमर्श के साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने पर चर्चा होगी। बैठक में सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय को लेकर भी विमर्श होगा। बैठक में सदस्यता अभियान को गति देने की रणनीति बनेगी। इसके लिए केंद्रीय समिति के सदस्यों के अलावा जिलाध्यक्षों, जिला सचिवों, प्रखंड अध्यक्षों और प्रखंड सचिवों को भी बैठक में उपस्थित रहने को कहा गया है।रविवार को झामुमो की केंद्रीय समिति के सदस्य विनोद पांडेय ने बैठक को लेकर केंद्रीय समिति सदस्यों को पत्र जारी किया।
केंद्रीय समिति के सभी सदस्यों, जिला अध्यक्षों और जिला सचिवों से आग्रह किया गया है कि वे अपना बकाया केंद्रीय अंशदान की राशि भी बैठक में अपने साथ लेकर आएं। सभी पदाधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि बैठक में प्रखंड अध्यक्ष और प्रखंड सचिव की उपस्थिति अवश्य हो। सरकार के कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी भी पदाधिकारियों को दी जाएगी। इसके अलावा निचले स्तर तक कल्याणकारी कार्यक्रमों की पहुंच को लेकर भी उनकी जिम्मेदारी से उन्हें अवगत कराया जाएगा। रविवार को झामुमो की केंद्रीय समिति के सदस्य विनोद पांडेय ने बैठक को लेकर केंद्रीय समिति सदस्यों को पत्र जारी किया। केंद्रीय समिति के सभी सदस्यों, जिला अध्यक्षों और जिला सचिवों से आग्रह किया गया है कि वे अपना बकाया केंद्रीय अंशदान की राशि भी बैठक में अपने साथ लेकर आएं। सभी पदाधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि बैठक में प्रखंड अध्यक्ष और प्रखंड सचिव की उपस्थिति अवश्य हो। सरकार के कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी भी पदाधिकारियों को दी जाएगी। इसके अलावा निचले स्तर तक कल्याणकारी कार्यक्रमों की पहुंच को लेकर भी उनकी जिम्मेदारी से उन्हें अवगत कराया जाएगा। झामुमो की ओर से अपनी पार्टी को मजबूत करने की कवायद के साथ-साथ पार्टी को स्थानीयतार के मुद्दे पर जनाधार को मजबूत करने का भी इरादा है। पार्टी 2024 के लिये आनेवाले दिनों की रणनीति कारे लेकर आगे बढ़ेंगे।
