
रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा झारखंड की रघुवर सरकार उद्योगों और रोजगार की स्थिति को लेकर अपनी सरकार की ओर से श्वेतपत्र जाररी करे। मरांडी ने कहा है कि अब सरकार के पांच वर्ष पूरे होने को हैं। इसलिए समय आ गया है कि मुख्यमंत्री अपनी घोषणा के अनुरूप पाई-पाई का खर्च जनता को दें। सरकार को अब यह बताना चाहिए कि विगत पांच वर्षों में निवेश इवेंट के नाम पर कितने खर्च हुए, कितने उद्योग एवं फैक्ट्री लगे, कितने को रोजगार मिला और कितने उद्योग बंद हुए। उद्योग विभाग को इस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। केवल मोमेंटम झारखंड के नाम से 900 करोड़ रुपए जनता की गाढ़ी कमाई के खर्च हुए, 300 कंपनी आई मगर एक न तो फैक्ट्री खुली और न ही लोगों को रोजगार मिला। बदले में सैकड़ों फैक्ट्री एवं उद्योग में ताले लग गए। यें बातें बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि केवल आदित्यपुर जो मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में है, एक हजार से अधिक फैक्ट्री बंद हो गई। 20 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए। टेल्को जैसी कंपनी पर खतरा मंडरा रहा है। रामगढ़ में कई फैक्ट्री बंद हो गई। हिंडाल्को की स्थिति अच्छी नहीं है। 5000 से अधिक लोगों की छंटनी हो गई। गिरिडीह में स्पंज आयरन का उत्पादन अब आधे से अधिक रह गया है। उन्होंने कहा- माइनिंग इंडस्ट्रीज भी बंदी के कगार पर है। मतलब पांच वर्षों में एक भी उद्योग एवं फैक्ट्री नहीं लगे मगर हजारों बंद हो गए। उन्होंने कहा कि एमओयू का नया दौर झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के समय शुरू हुआ, जो अब भी जारी है। एमओयू के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई को लुटाना और बदले में कुछ नहीं आना, यह सरकार की फितरत बन गई है। अगर सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया तो झाविमो इसे जनता के बीच लेकर जाएगी। झारखंड विकास मोर्चा सरकार की विफलताओं को लेकर विधानसभा चुनाव में जनता के बीच जायेगी।
