
रांची: बिहार सरकार अब झारखंड के रिपास में ईलाज करानेवाले मरीजों का नहीं उठायेगा खर्च। इस बात की आधिकारिक घेषणा बिहार सरकार की ओर से भेजे गये पत्र में की है। झारखंड के कांके स्थित रांची तंत्रिका मनोचिकित्सा एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (रिनपास) में अब बिहार के मरीजों का दाखिला वहां की सरकार के खर्च पर नहीं हो सकेगा। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने रिनपास निदेशक को इस संबंध में 28 अगस्त को पत्र भेजा है। इसमें विभाग की पूर्वानुमति के बिना किसी भी मरीज का इलाज नहीं करने को कहा गया है जिसकी चिकित्सा खर्च का भुगतान बिहार को करना पड़े। सरकार के अपर सचिव डाॅ. राजीव कुमार ने पत्र में लिखा है कि भोजपुर के कोईलवर में 180 बेड की क्षमता वाली मानसिक आरोग्यशाला है। अबतक बिहार सरकार को एक मरीज के लिए रोज 900 रुपए रिनपास को देना पड़ता था। विगत पांच-छह वर्षों में बिहार सरकार पर रिनपास प्रशासन का 74 करोड़ बकाया हो चुका है। बिहार सरकार बकाए का भुगतान नहीं कर रही है। इसको लेकर रिनपास प्रशासन ने झारखंड सरकार व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के माध्यम से भी भुगतान के लिए बिहार सरकार पर दबाव बनाया था। डाॅ. राजीव ने बिल की जांच के बाद भुगतान की बात कही है। अभी भी रिनपास में एडमिट लगभग 40 से 50 फीसदी मरीज बिहार से हैं। इस निर्णय के बाद बिहार के मरीज अब शुल्क देकर ही एडमिशन करा सकेंगे।
