आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका को नियमित करने के लिये तत्पर हुए सीएम रघुवर दास

Jharkhand झारखण्ड

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका के मानदेय को नियमित करने के लिये रिवोल्विंग फंड बनाने का प्रयास करते हुए दिख रहे हैं। रघुवर दास की ओर से आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका के मानदेय को नियमित कराने का प्रयास करने लगे हैं। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के मानदेय को नियमित करने के लिए एक रिवोल्विंग फंड बनाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी बहनों को समय पर मानदेय नहीं मिल पाता है। इसके लिए एक रिवोल्विंग फंड रहेगा, ताकि जरूरत पड़ने पर उस फंड के माध्यम से मानदेय का भुगतान किया जा सके। मुख्यमंत्री ने इस दौरान आंगनबाड़ी कर्मियों की उम्र 60 से बढ़कर 62 करने का आदेश जल्द जारी करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं को भारत सरकार की प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से आच्छादित करने के लिए अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले तीन सितम्बर को यह निर्देश दिया था कि आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के अतिरिक्त मानदेय के संबंध में निर्णय लेने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी के गठन कर निर्णय लिया जाए। इस कमेटी में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव व विभागीय सचिव भी रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं की विरूद्ध कोई बात आती है तो उनका पक्ष प्राप्त किये बिना उन्हें सीधे चयन मुक्त नहीं किया जाय। साथ ही, हड़ताल की अवधि में मानदेय का नियमानुसार भुगतान का भी आदेश दिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के नौनिहालों के विकास में आंगनबाड़ी का काफी महत्व है। पूरे राज्य में कुपोषण के विरुद्ध अभियान चल रहा है, इसमें आंगनबाड़ी की बहनें सामने आये और झारखंड से कुपोषण को समाप्त करने में सक्रिय योगदान दें।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड मंत्रालय में आयोजित ऊर्जा संचरण और बिजली वितरण की समीक्षा बैठक में कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आजादी के 7 दशक बाद झारखंड के गांव आज बिजली से रौशन हैं। बस, अब थोड़ा सा काम रह गया है… अब गुणवत्ता के साथ जीरो कट की ओर बढ़ना है। 31 अक्टूबर तक झारखंड में बिजली के सुदृढ़ीकरण के कार्य पूरा कर लें। ट्रांसमिशन लाइन का काम पूरा होने से जहां दूर दराज के क्षेत्रों में बिजली की गुणवत्ता बढ़ेगी, वहीं शहरी क्षेत्रों में बिजली की स्थिति अच्छी होगी। जिन संवेदकों ने जो समय सीमा दी है, उस तिथि तक काम पूरा हो जाना चाहिए, अन्यथा उनकी राशि काटी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर संचरण लाइन का काम अंतिम चरण में है। संवेदकों को कोई समस्या हो, तो विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें। विभाग के अधिकारी हर 15 दिन में संवेदकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का निराकरण करें। किसी भी हालत में डेड लाइन नहीं बढ़ेगी।
राजधानी रांची में जीरो कट में हो रहे विलम्ब पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जतायी। उन्होंने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सोच समझ कर एक टाइमलाइन देनी चाहिए थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि काम को समयबद्ध तरीके के पूर्ण करें।

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