हेमंत सोरेन दो विधानसभा से नहीं 18 विधानसभा से चुनाव लड़े फिर भी जीतेंगें नहीं- लुईस मरांडी

Jharkhand झारखण्ड

रिपोर्ट- दशरथ महतो

दुमका:झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के बरहेट और दुमका से चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो गयी है कि हेमंत सोरेन की संथाल में राजनीतिक जमीं कमजोर हो गयी है। हेमंत सोरेन के पारिवारिक विरासत के रूप में दुमका विधानसभा सीट भी अब महफूज नहीं रह गया है। दुमका से पिछली बाार भी हेमंत सोरेन को लुईस मरांडी ने हराया था तो वहीं हेमंत सोरेन बरहेट में जीत हासिल किये थे। संथाल के इलाके में भाजपा की चेहरा समाज कल्याण मंत्री और दुमका से भाजपा की प्रत्याशी लुईस मरांडी हेमंत सोरेन के दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने से काफी आत्मविश्वास से लबरेज दिखायी दे रही हैं। दुमका से भाजपा प्रत्याशी डॉ लुईस मरांडी ने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का दुमका के साथ-साथ बरहेट से चुनाव लड़ने पर चुटकी ली है। उन्होनंे कहा कि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष का मनोबल कितना मजबूत या कितना कमजोर है. उनके निर्णय से जनता अवगत हो चुकी है। उन्होंने अपने फैसले से जनता के सामने अपनी मजबूती को प्रकट कर दिया है. डॉ लोइस ने मीडियाकर्मियों के सवाल का जवाब देते कहा कि हेमंत सोरेन की इस बार भी दुमका से हार होगी. उन्होंने कहा कि हेमंत दो ही क्यों संताल परगना के सभी 18 सीटों से चुनाव लड़ लें, लेकिन जनता उनका साथ नहीं देनेवाली संताल परगना की जनता का झारखंड मुक्ति मोर्चा से मोहभंग हो चुका है। हेमंत सोरेन के दो स्थानों से चुनाव लड़ने को लेकर काफी चर्चा हो रही है।

 

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