
रांची से उपेन्द्र कुमार के साथ विशु विशाल की रिपोर्टः-
रांचीः रांची निर्भया को अंततः तीन वर्षो बाद इंसाफ मिल ही गया। त्वरित न्याय की प्रक्रिया पूरी करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाकर समाज में स्पष्ट संदेश देने का कार्य किया है। सीबीआई की विशेष अदालत ने बूटी बस्ती में बीटेक छात्रा की दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में शनिवार को राहुल राज उर्फ राॅकी राज को फांसी की सजा सुनाई। जज एके मिश्र की कोर्ट ने राहुल को शुक्रवार को इस मामले में दोषी माना था। सीबीआई के वकील राकेश प्रसाद ने 25 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच 30 गवाहों के बयान दर्ज कराए। दोनों पक्षों की बहस महज दो दिन 13-18 दिसंबर को पूरी कर दी गई। स्पेशल जज एके मिश्रा ने इस केस को प्राथमिकता देते हुए त्वरित सुनवाई की थी. अदालत ने आरोप गठन के बाद रोजाना सुनवाई करते हुए करीब 30 दिन में सुनवाई की प्रक्रिया पूरी कर ली थी.
बूटी बस्ती में 15 दिसंबर 2016 की रात बीटेक छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद उसे जिंदा जलाकर मार दिया गया था। दोषी ने छात्रा के चेहरे पर मोबिल ऑयल डालकर आग लगा दी थी। पुलिस और सीआईडी की जांच में हत्याकांड का खुलासा नहीं हुआ था। इसके बाद 28 मार्च 2018 को इस मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। दोषी राहुल को 22 जून 2019 को रांची के सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया था। पूछताछ में घटना की परत खुली। सीबीआई ने जांच में पाया कि घटना से दो-तीन माह पहले दुर्गा मंदिर के कमरे में राहुल नाम का व्यक्ति ठहरा था, जो कि इस वारदात के बाद से लापता है। टीम को मंदिर के पास रहने वाले युवक बंटी से राहुल के बारे में सुराग मिला। इसके बाद टीम राहुल के गांव धूलगांव पहुंची। आरोपी के माता-पिता के डीएनए सैंपल लिए गए, उन्हें पीड़ित के शव से मिले डीएनए सैंपल से मिलाया गया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सीबीआई ने आरोपी को लखनऊ जेल से हिरासत में ले लिया। जांच में पता चला कि वह दुष्कर्म का आदतन अपराधी है। उस पर पटना में दुष्कर्म के कई मामले दर्ज हैं। वह लखनऊ में भी दुष्कर्म मामले में ही जेल में था। आरोपी राहुल नालंदा के घुरा गांव का रहने वाला है। सितंबर 2016 में राहुल नालंदा से भागकर बूटी बस्ती पहुंचा था। उसने पीड़ित के घर के पास स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में एक कमरा किराए पर लिया था। राहुल रात में ऑटो चलाता था। वह बूटी बस्ती में रहने के दौरान वहां की लड़कियों पर नजर रखता था। घटना वाले दिन राहुल ने मृतक छात्रा को अकेला पाया। वह उसके घर में घुस गया और वारदात को अंजाम दिया। इससे पहले राहुल ने रात 10 बजे ही अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था, जो अगले दिन 10 बजे तक बंद था।
गिरफ्तार राहुल रॉय को शुक्रवार को सीबीआई की कोर्ट ने दोषी ठहराया था. आरोपी के अधिवक्ता और सीबीआई के वकील दोनों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने 20 दिसंबर को आरोपी राहुल को दोषी करार दिया। आरोपी राहुल राय उर्फ अंकित राज उर्फ रॉकी है. इस हत्याकांड में सीबीआई ने 19 सितंबर को चार्जशीट किया था और 25 अक्टूबर को इस मामले में आरोप तय किया गया था. बहस के दौरान 13 दिसंबर को सीबीआई ने घटना को बर्बरतापूर्ण बताते हुए फांसी की मांग की थी। समाज में लागातार दुष्कर्म की घटनाओ के होने से खासकर महिलाओं में डर का आलम है और ऐसे दुर्दांत अपराधियो को सबक न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने से ही मिलेगी।
