
अशोक कुमार की रिपोर्ट:-
रांची: हेमंत सारेने 29 दिसंबर को अपने शपथग्रहण समारोह को यादगार बनाने के लिये महागठबंधरन के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए है। अरपने शपथग्रहण को यादगार बनाने के तहत ही भाजपा विरोधी दलों के नेताओं का जमावड़ा रांची में लगारने और विपक्षी एकता को दिखाने की कोशिश करेंगें। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष व गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान हेमंत सोरेन ने दोनों नेताओं को 29 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह में आने का निमंत्रण दिया। हेमंत ने कहा कि सोनिया गांधी ने आने का आश्वासन दिया है, राहुल गांधी पक्का आएंगे। हेमंत सोरेन 29 दिसंबर को दोपहर एक बजे मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वे झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री होंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प. बंगाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित अन्य गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और बड़े नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। 10 जनपथ स्थित सोनिया गांधी के आवास से निकलने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड चुनाव के दौरान राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा कई मंत्रियों ने गठबंधन के खिलाफ चुनाव प्रचार किया था। उस वक्त मैंने उन्हें पीएम या गृहमंत्री की नजर से नहीं बल्कि भाजपा के वरिष्ठ नेता के तौर पर देखा था। चुनाव समाप्त हो चुका है, पीएम और गृहमंत्री को भी शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण भेजा जाएगा। हेमंत ने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। हमने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के सामने दावा पेश कर दिया है। उन्होंने शपथ ग्रहण के लिए 29 दिसंबर का समय दिया है। इसे लेकर मैं आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को निमंत्रण देने आया था। दोनों नेता शपथ ग्रहण में शामिल होंगे ये आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार बनेगी, इसके बाद गठबंधन के मंत्रियों का पता चलेगा। गठबंधन की सरकार पूरे पांच साल चलेगी, इसमें कोई जीच नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता ने जिस आकांक्षा से बहुमत दिया है उसे पूरा करेंगे। हेमंत ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन आएंगे, ये सभी चीजें ऑफिशियली बताई जाएगी। राज्य में कई काम बाकी है, कई लोगों को बुलाना है, कई लोगों से व्यस्तता के कारण बात नहीं हो पाई।
झारखंड में ऐसा पहली बार है, जब सबसे ज्यादा 50 विधायकों के समर्थन वाली सरकार बन रही है। इससे पहले मंगलवार को शिबू सोरेन के आवास पर हेमंत सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद वे झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के घर पहुंचे। मरांडी ने उन्हें समर्थन पत्र सौंपा। रात 8 बजे कांग्रेस विधायक गुरुजी के आवास पर पहुंचे। वहां तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में उन्हें गठबंधन का नेता चुना गया। गठबंधन का नेता चुने जाने के बाद मंगलवार रात 8रू45 बजे उन्होंने राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्हें झामुमो के 30, कांग्रेस के 16, राजद के एक और झाविमो के तीन विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा। इस मौके पर झाविमो विधायकों को छोड़ सभी 47 विधायक मौजूद थे।
गठबंधन सरकार में स्पीकर का पद कांग्रेस के पास जाने से झामुमो के छह मंत्री बनाए जा सकते हैं। वहीं कांग्रेस के चार और राजद-झाविमो से एक-एक मंत्री बनाए जाने की संभावना है। हालांकि अभी इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सभी समाज के नेताओं कको सरकार में हिस्सेदारी देने का मन बनाया गया है।
