रांची से अशोक कुमार
रांची: हेमंत सोरेन के साथ महागठबंधन की सरकार के तीन मंत्रियों ने शपथ ली है। बतौर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथ लेने के साथ ही राजद के सत्यानंद भोक्ता, कांगे्रस के आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव ने शपथ ली है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। रांची के मोरहाबादी मैदान में सोरेन के साथ आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली। समारोह के लिए 14 दलों के 30 नेताओं को न्यौता दिया गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समारोह में मौजूद थे। वहीं असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, माकपा नेता सीताराम येचुरी, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद कनिमोझी, भाकपा महासचिव डी राजा, डीएमके से एमके स्टालिन आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी कार्यक्रम में पहुंचे। हेमंत सोरेन का परिवार भी समारो
ह में पहुंचा। मंच पर हेमंत के पिता शिबू सोरेन और मां रूपी सोरेन मौजूद रहे। उनकी पत्नी समेत परिवार के बाकी सदस्य भी समारोह में उपस्थित थे। हेमंत सोरेन ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इससे पहले हेमंत ने जुलाई 2013 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। जेएमएम-राजद-कांग्रेस के साथ मिलकर उन्होंने 1 साल 5 महीने 15 दिनों तक सरकार चलाई थी। हेमंत के पिता शिबु सोरेन भी 3 बार राज्य के सीएम रहे हैं। तीनों कार्यकालों में वह सिर्फ 10 महीने 5 दिन ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे, जो हेमंत के एक कार्यकाल से काफी कम है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि डिप्टी सीएम, स्पीकर और मंत्री पदों को लेकर झामुमो और कांग्रेस के बीच शनिवार देर रात तक खींचतान चलती रही। इस कारण मंत्रिमंडल का स्वरूप तय नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस स्पीकर के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री का पद भी मांग रही है, जिस पर झामुमो तैयार नहीं है। दिन में भी आरपीएन सिंह व अजय शर्मा ने हेमंत से उनके आवास पर मुलाकात की।
सूत्रों अनुसार, हेमंत मंत्रिमंडल के बचे मंत्रियों के नाम पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। सूत्रों के मुताबिक, 30 दिसंबर को दिल्ली में बुलाई गई एक बैठक में मंत्रियों के नाम पर गठबंधन के नेताओं में सहमति बन सकती है। इसके बाद अन्य मंत्री 15 जनवरी के बाद पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। हेमंत सोरेन सरकार को लेकर अभी मंत्रियो ंके नामों पर सहमति नहीं बन सकी है। अभी किस तरह से आनेवाले दिनों में समीकरण बनेंगें यह भविष्य के गर्भ में है।
