जिस चीन के शहर से कोरोना वायरस की शुरूआत हुई उस वुहान में सभी सुविधायंे बहाल हुई, सामान्य हुआ जनजीवन

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बीजिंग से अन्नया कपूर की रिपोर्टः-

बीजिंग: जिस चीन ने पूरी दुनिया को तबाही के दौर में लाकर खड़ा कर दिया है उस चीन में लोगों का जनजीवन सामान्य होता हुआ दिखाई दे रहा है। चीन की औद्योगिक नगर वुहान में कोरोना का कहर अब कम होने लगा है और जनजीवन सामान्य होता हुआ दिखाई दे रहा है। चीन के हुबेई प्रांत के जिस वुहान शहर से कोरोनावायरस दुनिया में फैला, वहां अब हालात सामान्य हो होते जा रहे हैं। कल शनिवार से यहां ट्रेन, सब-वे नेटवर्क, बस और बैंक सेवाएं फिर शुरू हो गईं। ऑटो इंडस्ट्री समेेत कई सेक्टरों की 50 फीसदी बड़ी कंपनियों ने भी काम शुरू कर दिया। 182 मेट्रो स्टेशन खुलने से भीड़ नजर आने लगी है। अभी यहां बाहरी लोगों को प्रवेश की तो इजाजत है लेकिन, निकलने की नहीं। अधिकारियों का कहना है कि आठ अप्रैल के बाद यहां से निकलने की भी मंजूरी मिल जाएगी। वुहान में शनिवार को एक हाईस्पीड ट्रेन से 12,000 यात्री वापस आए। यात्रियों को एक सीट छोड़कर बैठाया जा रहा है। कुछ शॉपिंग स्टोर खुल चुके हैं। बाकी अगले हफ्ते तक खुल जाएंगे। 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट से परहेज करने को कहा गया है। कुल 180 बस रूट खोले जा चुके हैं।वुहान के स्टेशनों में 200 इंफ्रारेड इंटेलिजेंट टेम्प्रेचर मॉनिटरिंग इक्युपमेंट लगा दिए गए हैं। इससे लोगों का शारीरिक तापमान मापा जा रहा है। स्टेशनों पर पहुंचने वाले यात्री दो-दो फेस मास्क, ग्लव्स और हजमैट सूट पहनकर पहुंच रहे हैं। हजमैट ऐसा बॉडी सूट होता है, जो रसायनों और वायरस से शरीर की रक्षा करता है। वुहान स्टेशन का स्टाफ भी पूरी तरह सुरक्षा उपकरणों से लैस है। रिसेप्शन सेंटर पर उन लोगों को अलग किया जा रहा जो विदेश से आए हैं। सभी यात्रियों को मोबाइल पर ग्रीन कोड दिखाना होता है, जिससे उनके स्वस्थ होने का पता चलता है। जिनके पास यह ग्रीन कोड नहीं है, उन्हें न्यूक्लिक टेस्ट कराना होता है।वुहान और उससे सटे शहर हुआंगांग में कुछ होटल और रेस्टोरेंट खोल दिए गए हैं। लेकिन, यहां बैठकर खाना नहीं खा सकते। आर्डर पैक कराके घर ले जाना होगा। चीन से यूरोप के लिए चलने वाली मालवाहक ट्रेन फिर शुरू हो गई है। वुहान के वुजिशान स्टेशन से शनिवार को यह ट्रेन यूरोप के लिए 166.4 टन मेडिकल सप्लाई लेकर रवाना हुई। इसमें सर्जिकल टॉवेल, प्लास्टिक बैग, मेडिकल टेबल क्लॉथ आदि थे। यह ट्रेन 15 दिन बाद जर्मनी के शहर डुईसबर्ग पहुंचेगी। चीन में कोरोनावायरस को दोबारा फैलने से रोकने के लिए चीन ने विदेशियों की एंट्री बैन कर दी है। जिनके पास चीन का वीजा या रेजिडेंट परमिट पहले से है, उसे भी आने के लिए नया आवेदन देना होगा। इसके साथ ही अब यहां से हर देश के लिए हफ्ते में एक फ्लाइट जाएगी। इन फ्लाइट्स में भी 75 प्रतिशत से ज्यादा यात्री नहीं होंगे। इंटरनेशनल एयरट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अनुसार 23 जनवरी को जब वुहान में लॉकडाउन हुआ था, तब चीन की एविएशन इंडस्ट्री में सबसे बड़ी गिरावट आई थी। मार्च मध्य तक 5 लाख फ्लाइट्स रद्द हुई थीं। लोड फैक्टर 40 प्रतिशत तक रह गया था, जो अब 60प्रतिशत हो गया है। ऐसे में पूरी दुनिया के लिये यह सोचने वाली बात और संदेह करनेवाली बात भी है कि कैसे आखिर चीन ने इस कारोना वायरस के महामारी से अपने नागरिकों को बचा लिया और अपने लोगों की जिन्दगी सामान्य कर ली जबकि पूरी दुनिया में बेहतर चिकित्सा का दावा करनेवाले देशों के नागरिकों की मौत इस महामारी से हो रही है। ऐसे में बड़ा सवाल है और इसका जवाब पूरी दुनिया ढ़ूढ़ने में लगी हुई है।

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